ब्यूरो, पटना। बिहार में विधानसभा के चुनाव इसी साल के अंतिम महीनों में होने वाले हैं। इससे पहले चुनाव आयोग (EC) प्रदेश में मतदाता सूची को दुरुस्त कर लेना चाहता है। यही वजह है कि वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है। इस क्रम में चुनाव आयोग ने आज बिहार में मतदाता सूची को लेकर ताजा जानकारी साझा की है। चुनाव आयोग ने जो आंकड़े जारी किए है, उसके तहत बिहार की मतदाता सूची से 65 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटना तय है।
यह इसलिए है, क्योंकि इनमें से 22 लाख मतदाता मृत हैं, जबकि 35 लाख से अधिक मतदाता स्थाई रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं या उनका कहीं कोई पता नहीं चल पा रहा है। वहीं, सात लाख मतदाता ऐसे भी पाए गए हैं, जो दो जगहों से पंजीकृत हैं। इसके साथ ही करीब 1.2 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिन्होंने तय समय-सीमा के भीतर गणना फॉर्म भर कर वापस जमा नहीं किए हैं।
चुनाव आयोग ने इस अभियान में बिहार के 99.98 प्रतिशत मतदाताओं तक पहुंचने का दावा दिया है। साथ ही गणना फॉर्म से जुड़ी इस मुहिम को सफल बनाने का श्रेय राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी व निर्वाचन पंजीयन अधिकारी, सहायक निर्वाचन पंजीयन अधिकारी, बीएलओ, बीएलए और वॉलंटियर्स आदि को दिया है।
इस प्रक्रिया के तहत अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 30 सितंबर को होगा। चुनाव आयोग ने इसके साथ ही सभी राजनीतिक दलों और आम मतदाताओं से कहा है कि यदि एक अगस्त को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची को लेकर उन्हें कोई आपत्ति है या किसी का नाम गलती से जुड़ या हट गया है तो वह उसे लेकर अपने विधानसभा क्षेत्र के संबंधित मतदाता पंजीयन अधिकारी (ईआरओ) के पास एक सितंबर तक फॉर्म भरकर आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। उसे ठीक किया जाएगा।
आयोग का दावा है कि उनसे 20 जुलाई को मतदाता सूची में शामिल मृत, स्थाई रूप से स्थानांतरित और नहीं मिल रहे लोगों की सूची राज्य के सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों को मुहैया करा दी थी। साथ ही अनुरोध किया था कि यदि किसी को इनके बारे में कोई जानकारी है तो उस क्षेत्र के बीएलओ को तुरंत सूचित करें। गौरतलब है कि बिहार में मौजूदा समय में 7.90 करोड़ मतदाता है।