रेलवे ने किया पीपीई निर्माण की नई तकनीक का विकास
पीपीई किट का निर्माण मध्य रेलवे की परेल कार्यशाला ने किया है।
By Yogendra Sharma
Edited By: Yogendra Sharma
Publish Date: Tue, 02 Jun 2020 09:25:09 PM (IST)
Updated Date: Tue, 02 Jun 2020 09:25:09 PM (IST)

नई दिल्ली। रेलवे ने निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट निर्माण की एक ऐसी तकनीक का विकास किया है जो ज्यादा विश्वसनीय है। इस तकनीक से पीपीई किट का उत्पादन तो बढ़ेगा ही, साथ-साथ इन किट का चिकित्साकर्मी ज्यादा समय तक इस्तेमाल भी कर पाएंगे। नई तकनीक से बनाई गई पीपीई कवरऑल किट का उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में स्थित आयुध निर्माणी मुरादनगर ने परीक्षण किया और कपड़े व सिलाई दोनों को सही पाया है।
रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस तकनीक का विकास मध्य रेलवे की परेल कार्यशाला ने किया है।
इसमें पीपीई किट की सिलाई हॉट एयर सीम (सिलाई) सीलिंग टैप के जरिये की जाती है। एक अधिकारी ने बताया, "यह तकनीक पूरी तरह स्वचलित है। इसके कारण पीपीई किट का उत्पादन भी ज्यादा हो सकेगा। इस तकनीक के जरिये सिलाई की सीलिंग अच्छी होती है, क्योंकि टैप फैब्रिक के साथ सही से मिल जाता है। इसका अर्थ है कि यह ज्यादा विश्वसनीय है और चिकित्साकर्मी इसका अधिक समय तक इस्तेमाल कर पाएंगे।" सीम सीलिंग एक प्रक्रिया है, जिसमें सिलाई के छेद को टैप से भर दिया जाता है ताकि लीकेज की संभावना न रहे।
अधिकारियों ने कहा कि पीपीई किट की सिलाई उत्तरी रेलवे की जगधारी कार्यशाला में हो रही थी। पीपीई किट की सिलाई का काम उत्तरी रेलवे की तयशुदा प्रक्रिया के तहत परेल कार्यशाला में भी मैनुअल तरीके से हो रहा था। इस दौरान पाया गया कि सीम की मैनुअल सीलिंग में श्रम व समय की खपत अधिक है। इसके बाद कई विकल्पों पर विचार किया गया और परेल कार्यशाला ने हॉट एयर टैप के जरिये सिलाई की सीलिंग पर प्रयोग किया जो सफल रहा है।