धरना प्रदर्शन के लिए मुस्लिमों को मुफ्ती ए आजम की अनुमति लेना जरूरी, इमामों की बैठक में हुआ तय
साथ ही मुस्लिम संगठनों से भी निवेदन किया गया जो कोई भी ऐसा आयोजन करना चाहे तो पूर्व में संपर्क कर सकता।
By Navodit Saktawat
Edited By: Navodit Saktawat
Publish Date: Thu, 26 Dec 2019 11:16:01 PM (IST)
Updated Date: Fri, 27 Dec 2019 04:53:50 PM (IST)

रंजन दवे, जोधपुर। जोधपुर शहर में अब मुस्लिम समाज के किसी आयोजन के लिए दारुल उलूम इस्हाकिया सहमति लेना जरूरी होगा। शहर में शांति व अमन बनाने के मद्देनजर दारुल उलूम इसहाकिया में विशेष बैठक में सर्वसम्मति से ये फैसला लिया गया है। सोशल मीडिया पर बढ़ रहे धरना प्रदर्शन और अनर्गल मैसेज व अफवाहों को ध्यान में रखकर मुस्लिम समाज ने ये फैसला लिया है। बीते दिनों ये देखने मे आया है कि मुस्लिम समाज की ओर से जब भी कोई विरोध प्रदर्शन होता है तो कई भी व्यक्ति सोशल मीडिया उसका ऐलान कर देता है। उसके बाद मौलानाओं को भी कहा जाता है कि मस्जिद ऐलान किया जाए।
बिना किसी सहमति के बार ऐसा ऐलान भी कर दिया जाता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुफ्ती आजम राजस्थान शेर मोहम्मद ने सभी इमामों को निर्देश दिया कि बिना दारुल इसाकिया की अनुमति के काई भी सार्बजनिक ऐलान नहीं किया जाएगा।
साथ ही मुस्लिम संगठनों से भी निवेदन किया गया जो कोई भी ऐसा आयोजन करना चाहे तो पूर्व में संपर्क कर सकता। कमेटी आयोजन के लिए कानून की ओर से अपनी तरफ से उसे अनुमति प्रदान करेगी। इससे शहर में कानून वयवस्था बनी रहे, साथ ही समाज की ओर से किसी को तकलीफ ना हो। जोधपुर के सभी इमामों ने बात पर सहमति जताई।
बैठक के बाद शहर के लिए अमन व चैन की दुआ भी की गई, ताकि शहर में शांति बनी रहे। बीते शुक्रवार ही जोधपुर में नागरिक संशोधन कानून के विरोध में मुस्लिम समाज जगह जगह एकत्रित हुआ था और विरोध के नाम पर उत्पात और लूटपाट की गई थी जिसको लेकर मुकदमे भी दर्ज हुए हैं इसके बाद इस बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है।