Rajasthan judicial services exam : 21 साल के मयंक प्रताप सिंह बनेंगे देश के सबसे युवा न्यायाधीश
Rajasthan judicial services exam : राजस्थान न्यायिक सेवा 2018 परीक्षा को पास करने के लिए रोजाना 12 से 13 घंटे अध्ययन करना पड़ता था।
By Shashank Shekhar Bajpai
Edited By: Shashank Shekhar Bajpai
Publish Date: Thu, 21 Nov 2019 05:44:59 PM (IST)
Updated Date: Thu, 21 Nov 2019 05:44:59 PM (IST)

जयपुर। Rajasthan judicial services exam का नतीजा घोषित हो गया है और इसके साथ ही राजस्थान के रहने वाले 21 वर्षीय युवक देश के सबसे कम उम्र का न्यायाधीश बनने जा रहे हैं। जयपुर के मयंक प्रताप सिंह ने राजस्थान के सबसे कम उम्र के न्यायाधीश बनकर इतिहास रच दिया है। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने परीक्षा के लिए तैयारी कैसे की, तो मयंक ने कहा कि राजस्थान न्यायिक सेवा 2018 परीक्षा को पास करने के लिए रोजाना 12 से 13 घंटे अध्ययन करना पड़ता था।
सिंह ने कहा कि एक अच्छा न्यायाधीश बनने के लिए ईमानदारी सबसे महत्वपूर्ण मानदंड है। मयंक ने कहा कि मैं कड़ी मेहनत करने के लिए बहुत अभ्यस्त हूं, लिहाजा मुझे परीक्षा में अच्छे परिणाम की उम्मीद थी। मेरे अनुसार, एक अच्छा न्यायाधीश ईमानदार होना चाहिए और उसे बाहुबल और धनबल के बाहरी प्रभाव में नहीं आना चाहिए। मयंक राजस्थान यूनिवर्सिटी से पांच साल का एलएलबी कोर्स कर रहे थे। जयपुर के मानसरोवर के निवासी मयंक ने इस साल अप्रैल में राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की है।
उन्होंने महज 21 साल की उम्र में राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा को पास कर इतिहास रच दिया है और वह देश के सबसे युवा जज बन गए हैं। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास किया है। बताते चलें कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने साल 2019 में राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा के लिए न्यूनतम आयु को घटाकर 21 साल कर दिया है। इससे पहले इस परीक्षा को पास करने के लिए न्यूनतम आयु 23 साल थी।