रायपुर में 150 साल पुराना शनि मंदिर, महिलाएं जलाती हैं ज्योत
रायपुर के चूड़ी लाईन स्थित 150 साल से भी ज्यादा पुराने शनि मंदिर का अपना ही महत्व है।
By
Edited By:
Publish Date: Fri, 03 Jun 2016 07:20:53 PM (IST)
Updated Date: Sat, 04 Jun 2016 12:39:29 PM (IST)
_03_06_2016.webp)
रायपुर। वैसे तो छत्तीसढ़ के हर शहर में शनिदेव के प्रति आस्था रखने वाले लोग और मंदिर हैं जहां हर शनिवार भक्तों का तांता लगता है, लेकिन राजधानी रायपुर के चूड़ी लाईन स्थित 150 साल से भी ज्यादा पुराने शनि मंदिर का अपना ही महत्व है।
14 वीं शाताब्दी में खल्लारी के कल्चूरी राजाओं ने रायपुर को अपनी राजधानी बनाया और इसके बाद यहां मठ-मंदिरों की स्थापना का काल शुरू हुआ। इसी क्रम में यहां शनि देव की पूजा अर्चना शुरू हुई। अठारवीं शाताब्दी में स्व. मनोहर लाल शास्त्री ने चूड़ी लाईन में शनि मंदिर की विधिवत स्थापना की। अब उनकी तीसरी पीढ़ी से संतोष शर्मा मंदिर में पूजा-अर्चना कराते हैं।
पं. संतोष बताते हैं कि इस मंदिर में तेल चढ़ाने, ज्योत जलाने सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान महिलाओं के हाथों ही कराए जाने की प्रथा रही है और इसे शुभ माना जाता है। यह प्रथा यहां शुरू से ही चली आ रही है। पुजारी परिवार की महिलाएं मंदिर की पूजा में विशेष सहयोग करती हैं।
इस प्राचीन मंदिर के विषय में लोगों का मानना है कि यहां आने से जीवन में चल रहे अशुभ योगों का निवारण हो जाता है और साथ ही ज्योत जलाने व तेल चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शनि जयंति के साथ ही यहां साल में तीन प्रमुख आयोजन होते हैं। हरेली अमावस्या पर लोग महामनोकमना पूजा में शामिल होते हैं। मकर संक्राति पर आस्थावत श्रद्धालू भगवान की पूजा-अर्चना के साथ ही तेल चढ़ाते हैं।