मल्टीमीडिया डेस्क। रामायण में रावण की पत्नी एक अहम किरदार है। कहा जाता है कि वह एक अप्सरा की पुत्री थीं, जो अत्याधिक आकर्षक थीं और शक्तिशाली रावण की पत्नी होने के नाते हर सुख और वैभव उनके कदमों में था। मगर, राम से युद्ध के बाद जब रावण का अंत हो गया, तो मंदोदरी की कहानी का भी पटाक्षेप हो गया। उनके बारे में अधिकांश लोगों को नहीं पता कि उन्होंने विभीषण से बाद में विवाह कर लिया था।
इसके लिए भगवान राम ने ही मंदोदरी को सलाह दी थी। लंकापति रावण की मृत्यु के बाद श्री राम ने विभीषण को राजपाट सौंप दिया था। रामायण के अनुसार भगवान राम ने मंदोदरी को यह सुझाव दिया कि वह विभीषण से विवाह कर लें। साथ ही उन्होंने मंदोदरी को यह भी याद दिलाया कि वह अभी लंका की महारानी और अत्यंत बलशाली रावण की विधवा हैं।
जब भगवान राम अपनी पत्नी सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ वापस अयोध्या लौटे, तब मंदोदरी ने खुद को महल में कैद कर लिया। उन्होंने बाहर की दुनिया से संपर्क समाप्त कर लिया। कुछ समय बाद वह महल से निकलीं और विभीषण से विवाह करने के लिए तैयार हो गई। विवाह के पश्चात उन्होंने लंका के साम्राज्य को सही दिशा की ओर बढ़ाना प्रारंभ किया।
रावण से विवाह के पहले की कथा भी है अनोखी
पुराणों के अनुसार, मधुरा नाम की अप्सरा कैलाश पहुंची। देवी पार्वती को वहां न देखकर वह भगवान शिव को आकर्षित करने का प्रयत्न करने लगी। जब पार्वती वहां पहुंचीं तो भगवान शिव की देह की भस्म को मधुरा के शरीर पर देखकर क्रोधित हो गईं और मधुरा को 12 साल तक मेढ़क बनने का श्राप दे दिया। भगवान शिव के कहने पर माता पार्वती ने कहा कि कठोर तप के बाद ही मधुरा अपने असल स्वरूप में आ सकती है।
इस बीच असुरों के देवता मयासुर और उनकी अप्सरा पत्नी हेमा के दो पुत्र थे, लेकिन वे एक पुत्री की कामना में कठोर तप कर रहे थे। तभी मधुरा के श्राप के 12 वर्ष भी पूरे हो गए और वह अपने असली स्वरूप में आ गई। कुएं से बाहर निकलने के लिए जब मधुरा ने मदद के लिए आवाज लगाई, तो हेमा और मयासुर वहां आ गए। बाद में उन दोनों ने मधुरा को गोद ले लिया और उसका नाम रखा मंदोदरी।
रावण का मंदोदरी से विवाह
एक बार मयासुर से मिलने के लिए रावण आया और मंदोदरी की खूबसूरती को देखकर आसक्त हो गया। रावण ने मंदोदरी से विवाह करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन मयासुर ने उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। मंदोदरी जानती थी कि रावण भगवान शिव का भक्त है, इसलिए अपने पिता की सुरक्षा के लिए वह रावण के साथ विवाह करने के लिए तैयार हो गई। रावण और मंदोदरी के तीन पुत्र हुए, अक्षय कुमार, मेघनाद और अतिकाय।