सिवनी(मध्यप्रदेश)। पेंच टाइगर रिजर्व से कान्हा के बीच 125 किमी के प्राकृतिक गलियारे (कॉरीडोर) को वन्य जीवों के अनुकूल विकसित करने के लिए सिवनी वन वृत्त को आठ करोड़ रुपए की राशि राज्य सरकार से मिली हैं। पेंच से कान्हा के बीच करीब 50 किमी दक्षिण सामान्य वन मंडल के जंगल को टाइगर और वन्य जीवों के मूवमेंट के लिए उपयुक्त बनाया जाएगा। इस पर करीब छह करोड़ रुपए वन विभाग खर्च करेगा। गलियारे के चिन्हित वन क्षेत्र में फेन्सिग कराने के साथ साथ ट्रेपिंग कैमरे भी लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
हर तीन किमी के बीच बनाए जाएंगे जलस्रोत
मुख्य वन संरक्षक संजय शुक्ला ने बताया कि वन्य जीवों को पानी की पर्याप्त उपलब्धता को इसके लिए प्रत्येक 3 किमी के दायरे में जल स्त्रोत बनाए जाएंगे जिनमें 12 महीने पानी मौजूद रहे। पानी के पोखर व छोटे तालाब का निर्माण प्रस्तावित किया गया है साथ ही शाकाहारी वन्य जीवों के लिए घास के मैदान विकसित किए जाएंगे।
बढ़ रहा मानवीय हस्तक्षेप
पेंच टाइगर रिजर्व के अलावा सामान्य वन क्षेत्र में वन्य प्राणियों की आवाजाही लगातार बनी रहती है। यहां बढ़ रहे मानवीय हस्तक्षेप और गतिविधियों के चलते वन्य जीव प्रभावित हो रहे हैं। टाइगर रिजर्व के बाहरी क्षेत्र से इस तरह के हस्तक्षेप कम करने के लिए दक्षिण सामान्य वन मंडल आवश्यक कार्य कराएगा। सीसीएफ शुक्ला ने बताया कि कई बार जंगल के रास्ते गुजरने वाले वन्य जीव हिरण, भालू इत्यादि खेत व जंगल में बने बिना पार के कुएं में गिरकर मृत हो जाते हैं। ऐसे कुंए चिन्हित कर उनमें मुंडेर बनाने का काम वन विभाग करवाएगा।
वन्य जीव निरंतर विचरण करते हैं
पेंच टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर शुभरंजन सेन ने नईदुनिया से चर्चा में बताया कि पेंच-कान्हा का प्राकृतिक गलियारा (कॉरीडोर) काफी अच्छा है। पेंच का जंगल विकसित है। एनएच 7 में फोरलेन निर्माण का गतिरोध समाप्त होने के बाद इसमें समस्याएं नहीं बचेंगी। मंडला व बालाघाट क्षेत्र के कॉरीडोर में कुछ समस्याएं हैं। क्षेत्र संचालक सेन ने बताया कि टाइगर व वन्य जीवों का मूवमेंट निरंतर बना रहे इसके लिए कॉरीडोर का होना अत्यंत जरूरी है। वन्य जीव एक ही स्थान में रहकर जीवित नहीं रह सकते। वह अपने लिए उपयुक्त आवास की तलाश में निरंतर विचरण करते रहते हैं। कान्हा, पेंच और सतपुड़ा कॉरीडोर में वन्य जीवों का मूवमेंट बना हुआ है।
बाकी दो करोड़ नरसिंहपुर व उत्तर वनमंडल में होंगे खर्च
सीसीएफ शुक्ला ने बताया कि इस राशि से वन्य जीवों की सुरक्षा और चौकसी भी बढ़ाई जाएगी। कैमरों की मदद से टाइगर और दूसरे वन्य जीवों की गतिविधियों पर निगरानी वन विभाग रखेगा। शिकार की घटना को रोकने और अपराधियों को पकड़ने में भी मदद मिलेगी। 8 करोड़ में से 1-1 करोड़ की राशि नरसिंहपुर और उत्तर वन मण्डल पर खर्च की जाएगी।
ग्रामीणों को सोलर लाइट व गैस कनेक्शन का प्रस्ताव
पेंच सतपुड़ा कॉरीडोर के लिए पेंच टाइगर रिजर्व ने एपीओ प्लान तैयार कर नेशनल टाइगर कंजरवेटर अथारिटी को भेजा है। सतपुड़ा की तरफ पेंच पार्क एरिया में चार गांव बसे हैं। इस कारीडोर में सोलर फेंसिंग, पानी और चारागाह बनाने के साथ साथ ग्रामीणों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सोलर लाइट व गैस कनेक्शन देने का प्रस्ताव एपीओ में शामिल किया गया है। पेंच के डिप्टी डायरेक्टर किरण बिसेन ने बताया कि सतपुड़ा पेंच कारीडोर को विकसित करने का काम तीन चरणों में होना है। प्रथम चरण के लिए छिंदवाड़ा की तरफ से विकास कार्य हो रहे हैं।