क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय महिलाएं चूड़ियां क्यों पहनती हैं? सिंदूर क्यों लगाया जाता है? नमस्ते करने के क्या फायदे हैं? यहां हम आपको ऐसी ही पांच भारतीय परंपराओं के पीछे का वैज्ञानिक कारण बताएंगे।
1. चूड़ियां पहनने से बनती है ऊर्जा - भारत में चूड़ियां सुहागन की सबसे बड़ी निशानी है। शादी के बाद महिलाएं के हाथ चूड़ियों से सजे रहते हैं। ये चूड़ियां केवल हाथों की खूबसूरती ही नहीं बढ़ातीं, बल्कि इसकी वजह से महिलाओं के शरीर में खून का प्रवाह सही रहता है। हाथ की चमड़ी से चूड़ियों के टकराने की वजह से जो ऊर्जा पैदा होती है, वो शरीर के काम आती है।
2. सिंदूर से घटता है तनाव - शादीशुदा महिलाओं की पहचान से जुड़ा सिंदूर भी बड़े काम का है। इसे बनाने में हल्दी, नींबू के अलावा पारा इस्तेमाल होता है। पारा स्ट्रेस या तनाव को कम करने में कारगर होता है। इतना ही नहीं इससे ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है।
3. जानें पैर छूने के फायदे - देश में बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने बरसों पुरानी परंपरा है। आज भी आशीर्वाद लेने के लिए लोग बुजुर्गों के पैर छूते हैं। इसके बाद जब बुजुर्ग पलटकर युवाओं के सिर पर हाथ रखते हैं तो इससे उर्जा एक शरीर से दूसरे शरीर में पहुंचती है, जो आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ ही साहस भी बढ़ाती है। ये एक तरह के रक्षा कवच के तौर पर काम करता है।
4. बड़े काम का है नमस्ते- जब हम हाथ जोड़कर किसी को नमस्ते करते हैं तो केवल हम उसका सम्मान नहीं कर रहे, विज्ञान की मानें तो इससे आपके शरीर को भी कई फायदे मिलते हैं। हाथों को जोड़ने की वजह से उंगलियों के उन जरुरी प्रेशर प्वाइंट्स पर दबाव बनता है, जो आंखों, कानों और दिमाग को तंदुरुस्त रखने में काम आते हैं।
5. बिछिया पहनने के भी हैं ये फायदे- बिछिया केवल पैरों की खूबसूरती नहीं बढ़ाती, बल्कि इसके फायदे भी हैं, विज्ञान की मानें तो पैरों की उंगलियों में बिछिया पहनने की वजह से महिला का गर्भाशय मजबूत होता है। क्योंकि बिछिया की वजह से गर्भाशय की तरफ खून का बहाव बेहतर होता है, जो महिलाओं को मासिक धम्र सही रखने में मदद करता है। वहीं अच्छा सुचालक होने की वजह से पैरों में पहनी गई चांदी की बिछिया धरती से उर्जा लेकर शरीर तक पहुंचाती है, इससे महिलाओं को अपने काम करने के लिए जरूरी उर्जा मिलती है।