श्रेया सिंघल की वजह से निरस्त हुई आईटी एक्ट की धारा 66A
इस युवती की मेहनत का ही फल है कि सुप्रीम कोर्ट ने इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 66A को निरस्त कर दिया है।
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Publish Date: Tue, 24 Mar 2015 02:53:24 PM (IST)
Updated Date: Tue, 24 Mar 2015 06:08:51 PM (IST)

मल्टीमीडिया डेस्क। दिल्ली की 21 वर्षीय श्रेया सिंघल को देश हमेशा याद रखेगा। इस युवती की मेहनत का ही फल है कि सुप्रीम कोर्ट ने इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 66A को निरस्त कर दिया है। सर्वोच्च अदालत ने इस धारा को असंवैधानिक बताते हुए मंगलवार को खारिज कर दिया।
कुछ महीनों पहले यूनाइटेड किंगडम से पढ़ाई पूरी करके स्वदेश लौटी श्रेया ने इस धारा के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी।
तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए कहा था, मुझे आश्चर्य है कि ऐसे मुद्दे पर अब किसी ने आवाज क्यों नहीं उठाई।
श्रेया ने दिल्ली के वसंत वैली स्कूल से पढ़ाई करने के बाद ब्रिटेन की ब्रिस्टल यूनीवर्सिटी से एस्ट्रोफिजिक्स में डिग्री ली है। बकौल श्रेया, मुंबई की दो लड़कियों और कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी के बाद मुझे लगा कि इस कानून का बेजा फायदा उठाया जा रहा है।
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इस कानून से जुड़ी गिरफ्तारियों की खबर पढ़ने के बाद उन्होंने अपनी मां से इस मुद्दे पर बात की और एक वकील की मदद से जनहित याचिका दायर कर दी। इस पूरी कानूनी लड़ाई के दौरान श्रेया ने यह भी तय किया कि वो वकालत करेंगी और इसकी पढ़ाई के लिए भारत और अमेरिकी यूनीवर्सिटी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू की।
श्रेया की मां मनाली, सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और उन्होंने इस मामले में बेटी का काफी उत्साहवर्धन किया था। श्रेया की नानी सुनंदा भंडारे जज रह चुकी हैं।
इस फैसले पर खुशी जताते हुए श्रेया ने कहा, कि इस देश में अदालत ही एकमात्र जगह है, जहां कोई भी जा सकता है।
गौरतलब है कि इस इस धारा के खिलाफ जनहित याचिका लगाने वाली श्रेया खुद न तो फेसबुक पर हैं और न ही ट्विटर पर।
आइए जानें 66A के तहत हुई कुछ गिरफ्तारियां:
- जाधवपुर यूनीवर्सिटी के प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा को 2012 में तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी का कैरिकेचर बनाने और फेसबुक पर शेयर करने की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया था।
- एक्टिविस्ट असीम त्रिवेदी को भी 2012 में संविधान और संसद का कार्टून बनाने की वजह से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। इनकी गिरफ्तारी का देशभर में विरोध हुआ था।
- फेसबुक पर राजनेताओं पर टिप्पणी करने की वजह से एयर इंडिया के कर्मी मयंक शर्मा और केवी राव को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था।
- तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम पर ट्वीट करने की वजह से पुडुचेरी पुलिस ने एक स्थानीय बिजनेसमैन रवि श्रीनिवासन को गिरफ्तार कर लिया था। रवि ने कार्ति को भ्रष्ट कहा था।
- 2012 में किस्वाड़ जिले के तीन युवकों, किशोरी शर्मा, बंसी ला और मोतीलाल शर्मा को 40 दिनों के लिए इसी धारा के तहत जेल भेज दिया गया था। इन तीनों पर ईशनिंदा वीडियो में टैग होने का आरोप था। तीनों में से एक ने तो वीडियो पर कमेंट भी किया था।
वाराणसी में एक पर्यटन अधिकारी को इसलिए गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उसने समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव, यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और आजम खान का आपत्तिजनक फोटो फेसबुक पर अपलोड कर दिया था।
अगस्त 2013 में यूपी पुलिस ने लेखक एवं कवि कंवल भारती को गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने फेसबुक पर आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का समर्थन किया था।
2014 में एक युवा प्रोफेशनल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ फेसबुक पर टिप्पणी करने की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके फेसबुक पेज गोवा+ के 47000 सदस्य हैं।
सीपीआई-एम कार्यकर्ता राजीश कुमार को फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग करने की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया था।
हाल ही में उत्तर प्रदेश में कक्षा 11 के एक छात्र को फेसबुक पर यूपी के मंत्री आजम खान के खिलाफ टिप्पणी करने की वजह से 24 घंटे के अंदर ही गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। हालांकि बाद में उसने और उसके माता-पिता ने माफी मांग ली थी।
संकलन : अनिल पांडेय