मल्टीमीडिया डेस्क। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामा राव (एनटीआर) के लिए भारत रत्न की मांग की है। सोमवार को एनटीआर का जयंती थी। जानिए इनके बारे में -
- एनटी रामा राव का पूरा नाम नंदमूरि तारक रामाराव था। उनका जन्म 28 मई 1923 को मद्रास प्रेसीडेंसी के कृष्णा जिले के गांव निम्माकुरु में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही शिक्षक सुब्बा राव से ग्रहण की। माता-पिता ने बचपन में ही उन्हें मामा को गोद दे दिया था।
- गांव में अच्छी शिक्षा की व्यवस्था नहीं थी, इसलिए एनटी रामा राव पांचवीं तक पढ़ाई करने के बाद वह अपने दत्तक माता-पिता के साथ विजयवाड़ा चले गए, जहां उन्होंने नगर निगम के विद्यालय में दाखिला लिया। 1945 में उन्होंने स्नातक की पढ़ाई के लिए आन्ध्र-क्रिश्चियन कॉलेज में दाखिला लिया।1942 में उन्होंने अपने मामा की बेटी के साथ शादी रचाई थी।
- एनटी रामा राव ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत तेलुगु फिल्म मना देसम (1949) में पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका के साथ की। फिल्म ने जबरदस्त सफलता हासिल की और रामाराव एक लोकप्रिय अभिनेता बन गए।
- इसके बाद एनटी रामा राव ने हिंदू देवी-देवताओं और पौराणिक कथाओं पर आधारित फिल्में की। उन्होंने भगवान राम, कृष्ण, भीष्म, अर्जुन, कर्ण, दुर्योधन, विष्णु, शिव आदि के किरदार निभाए। उन्होंने 17 फिल्मों में कृष्ण का चरित्र निभाया था जिनमें प्रमुख हैं ‘श्री कृष्णार्जुन युधम’, ‘कर्णं’ और ‘दानवीर सूर कर्ण’।
- एनटी रामा राव ने सन् 1982 में तेलुगु देशम पार्टी की स्थापना कर राजनीति में प्रवेश किया। राजनीति में प्रवेश का मुख्य कारण था आंध्र प्रदेश को कांग्रेस के राज और आधिपत्य से मुक्ति दिलाना। राजनैतिक जीवन प्रारंभ करने के समय एनटी रामा राव तेलुगु सिनेमा के सफल और लोकप्रिय अभिनेता थे।
- चुनावों में उनकी पार्टी को जबरदस्त सफलता मिली और 9 जनवरी 1983 को एनटी रामा राव दस कैबिनेट मंत्रिओं और पांच राज्य मंत्रिओं के साथ आंध्र प्रदेश के दसवें मुख्यमंत्री बने। 1983 से 1994 के बीच वह तीन बार -प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
- एनटी रामा राव इतने लोकप्रिय थे कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब पूरे देश में कांग्रेस की लहर थी, तब बस आंध्र प्रदेश में कांग्रेस नहीं जीत पाई। इतना ही नहीं तेलुगु देशम लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल भी बन गया।
- इसके बाद 1981 में ऐसा कुछ हुआ कि एनटी रामा राव की दिशा ही बदल गई। इस साल उनकी बेटी भुवनेश्वरी की शादी चंद्रबाबू नायडू से हुई।
- इसके साथ ही टीडीपी में नायडू का दखल शुरू हुआ। एनटीआर का दामाद होने के कारण उनका खासा प्रभावल रहा, मगर नायडू ने राजनीति में अपना अलग ही खेल खेला।
- एक सितंबर 1995 को चंद्रबाबू नायडू बड़े ही नाटकीय ढंग से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए। उन्होंने रातोरात अपने ससुर को पद से हटाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल की और उसके बाद एनटी रामाराव की पत्नी, बेटों और एक अन्य दामाद की चुनौती का मुकाबला किया।
(चंद्रबाबू नायडू के साथ एनटी रामा राव)
एनटीआर की शादीशुदा जिंदगी
एनटी रामा राव ने सन् 1942 में अपने मामा की बेटी बासव तारकम से शादी रचाई थी। दोनों के आठ बेटे और चार बेटियां थीं। 1985 में बासव तारकम का निधन हो गया था। इसके बाद 1993 में 70 साल की उम्र में उन्होंने तेलुगु लेखक लक्ष्मी पार्वती से शादी की, लेकिन एनटीआर के परिवार ने लक्ष्मी को कभी भी स्वीकार नहीं किया। 18 जनवरी 1996 को हैदराबाद में एनटीआर का निधन हो गया था।
(एनटीआर ने दो शादियां रचाई थीं।)