प्रशांत गुप्ता, रायपुर(छत्तीसगढ़)। अब तक आपने सुना होगा कि तंबाकू, सिगरेट, गुड़ाखू से कैंसर होता है, जो कि जानलेवा है। लेकिन ये मादक पदार्थ आंख की रोशनी भी छीन रहे हैं। इनके सेवन से व्यक्ति अंधा हो सकता है। यह खुलासा राज्य अंधत्व निवारण समिति की सर्वे रिपोर्ट में हुआ है। जिसमें 747 व्यक्ति संपूर्ण अंधे मिले, और इनमें 50 फीसदी की आंखों की रोशनी जाने की वजह यही नशा है।
प्रदेश में तंबाकू, सिगरेट, गुड़ाखू का सेवन तेजी से बढ़ रहा है। इनके सेवन करने वालों में 14 साल से लेकर बुजुर्ग व्यक्ति तक हैं। इन मादक पदार्थों के नियमित सेवन से आंख की नस धीरे-धीरे सूखती चली जाती है। एक बार नस सूख गई तो दिखाई देना बंद हो जाता है, और अब तक भारत में ऐसा कोई इलाज नहीं है, जिससे रोशनी लौटाई जा सके।
यही संपूर्ण अंधापन या कंप्लीट ब्लाइंडनेस कहलाता है। नेत्ररोग विशेषज्ञों के मुताबिक कॉर्निया ट्रांसप्लांट भी कारगर नहीं है। कार्निया ट्रांसप्लांट तभी किया जाता है, जब नस सुरक्षित रहती है। इसलिए जरूरी है कि तंबाकू, सिगरेट, गुड़ाखू के सेवन से न करें।
मई-जून 2015 में राज्य के 27 जिलों के ब्लॉक में कांप्रेसिहेंसिव आई केयर सर्वे प्रोग्राम चला था, जिसमें 36 लाख 56 हजार 621 लोगों की आंख जांच की गई थी। जिनमें प्रत्येक जिले में संपूर्ण अंधेपन के शिकार व्यक्तियों के मिलने से स्वास्थ्य विभाग भी हैरान था, लेकिन जब वजह तलाशी गई तो यह उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली थी।
इन कारणों से भी होता है अंधापन
1- डायबिटिक राहिनोपैथी- डायबिटिक (मधुमेह) की वजह से भी आंखों की रोशनी जा सकती है।
2- कॉर्नियल ओपेसिटी- कार्निया में सफेदी आना। इसके बाद कॉर्निया ट्रांसप्लांट का लाभ नहीं मिलता।
3- मस्तिष्क की बीमारी- मस्तिष्क से संबंधित बीमारियों में भी व्यक्ति आंख गंवा बैठता है।
4- गर्भ में ही- गर्भ धारण के 3 महीने तक दवाइयां नहीं खानी चाहिए, दवाइयां गर्भ में पल रहे शिशु की आंख पर असर करती हैं।
5- चोट लगना, संक्रमण- आंख में चोट लगने, संक्रमण की वजह से भी आंख खराब हो सकती है। जैसा नेत्रकांडों में हुआ। विटामिन-ए की कमी भी कारण है।
कहां कितने में अंधेपन के शिकार व्यक्ति-
रायपुर के धरसींवा ब्लॉक में 17, सरायपाली में 67, धमतरी में 10, दुर्ग में 42, राजनांदगांव में 8, कबीरधाम में 27, बेमेतरा में 52, बालोद में 8, गरियाबंद में 56, बलोदाबाजार में 8, बिलासपुर में 19, जांजगीर में 89, कोरबा में 17, रायगढ़ में 29, मुंगेली में 4, सरगुजा में 84, कोरिया में 54, जशपुर में 28, सुरजपुर में 31, बलरामपुर में 12, बस्तर में 37, कांकेर में 7, दंतेवाड़ा में 02, कोंडागांव में 29 और बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा में एक भी केस नहीं मिला है।
दोबारा रोशनी लाना संभव नहीं
संपूर्ण अंधेपन का कारण कई हैं, लेकिन तंबाकू, सिगरेट, गुड़ाखू बड़ी वजह निकलकर सामने आई है। इनकी वजह से नसें सूख जाती हैं, और आंखों में दोबारा रोशनी लाना संभव नहीं होता है। - डॉ. सुभाष मिश्रा, स्टेट नोड्ल अधिकारी, राज्य अंधत्व निवारण समिति