मल्टीमीडिया डेस्क। जितने भी रत्न या उपरत्न है वे सब किसी न किसी प्रकार के पत्थर है। ये पारदर्शी, अपारदर्शी, सघन घनत्व या विरल घनत्व के विभिन्न रंगों के या सादे होते हैं। इन पत्थरों को रत्न कहा जाता है और ये सभी रत्न किसी न किसी रासायनिक पदार्थों के किसी खास आनुपातिक में मिलने से बने हैं।
अाज हम आपको बताने जा रहे हैं किस ग्रह को बलशाली करने के लिए कौन सा रत्न पहनने की सलाह दी जाती है और उसे किस दिन पहनना चाहिए। इस सीरीज में हम आपको बताएंगे रत्नों के विज्ञान के बारे में...
सूर्य को शक्तिशाली बनाने में माणिक्य का परामर्श दिया जाता है। इसे अनामिका अंगुली में रविवार के दिन धारण करना चाहिए।
चंद्र को शक्तिशाली बनाने के लिए मोती या मून स्टोन पहना जाता है। इसे शुक्ल-पक्ष के सोमवार को रोहिणी नक्षत्र में धारण करना चाहिए।
मंगल को बलशाली करने के लिए मूंगा पहनने की सलाह दी जाती है। मंगलवार को अनुराधा नक्षत्र में सूर्योदय से 1 घंटे बाद तक पहनना चाहिए।
बुध यदि किसी की कुंडली में कमजोर है, तो उसके पन्ना पहनने के सलाह दी जाती है। इसे बुधवार को प्रात:काल उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में धारण करना चाहिए।
गुरु के लिए पुखराज को तर्जनी अंगुली में गुरु-पुष्य योग में शाम के समय पहनने का विधान है।
शुक्र ग्रह को शक्तिशाली बनाने के लिए हीरा मृगशिरा नक्षत्र में बीच की अंगुली में धारण करना चाहिए।
शनि के लिए नीलम को मध्यमा अंगुली में शनिवार को श्रवण नक्षत्र में पंचधातु की अंगूठी में धारण करना चाहिए।
राहु के लिए गोमेद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में बुधवार या शनिवार को धारण करना चाहिए।
केतु के लिए लहसुनिया गुरु-पुष्य योग में गुरुवार के दिन सूर्योदय से पूर्व धारण करना चाहिए।
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