Sunderkand Path: सुंदरकांड पाठ शुरू करने से पहले इन नियमों का करें पालन, तभी मिलेगा पूरा लाभ
धार्मिक मान्यता है कि नियमपूर्वक सुंदरकांड का पाठ करने से साधक को जीवन में अद्भुत लाभ मिलते हैं। इसलिए अगर आप घर में सुंदरकांड का पाठ करने का विचार कर रहे हैं, तो इससे पहले इसके नियमों (Sunderkand Path Ke Niyam) को जानना बहुत जरूरी है।
Publish Date: Sat, 23 Aug 2025 05:30:28 PM (IST)
Updated Date: Sat, 23 Aug 2025 05:35:10 PM (IST)
सुंदरकांड पाठ के नियमHighLights
- सुंदरकांड पाठ करने से पहले जानें ये नियम।
- सुंदरकांड पाठ कब और कैसे करना चाहिए।
- सुंदरकांड पाठ से मिलने वाले अनगिनत लाभ।
धर्म डेस्क। तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस का पाँचवाँ अध्याय सुंदरकांड है। धार्मिक मान्यता है कि नियमपूर्वक सुंदरकांड का पाठ करने से साधक को जीवन में अद्भुत लाभ मिलते हैं और प्रभु राम व बजरंगबली का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अगर आप घर में सुंदरकांड का पाठ करने का विचार कर रहे हैं, तो इससे पहले इसके नियमों (Sunderkand Path Ke Niyam) को जानना बहुत जरूरी है।
सुंदरकांड पाठ कैसे करें?
- सबसे पहले सुबह स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र पहनें।
- हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने घी या तेल का दीपक जलाकर बैठें।
- श्रद्धा और एकाग्रता के साथ पाठ शुरू करें।
- आप चाहें तो राम दरबार के सामने भी सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
- मंगलवार, शनिवार और रविवार को सुंदरकांड पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है।
- अमावस्या और रात में पाठ करना शुभ नहीं होता।
- सुंदरकांड का पाठ अकेले भी किया जा सकता है और समूह में भी।
- इसे 11, 21, 31 या 41 दिन तक निरंतर किया जा सकता है।
- ब्रह्म मुहूर्त में पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
सुंदरकांड पाठ से मिलने वाले लाभ
- बजरंगबली की कृपा बनी रहती है और जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं।
- साधक को बल, बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद मिलता है।
- रोजाना पाठ से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- मन में शांति, साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- जीवन में सफलता की राह आसान हो जाती है।