Janam Kundli 5th House: कुंडली का पांचवा भाव होता है बेहद महत्वपूर्ण, इस ग्रह की दृष्टि दिलाती है उच्च शिक्षा
Janam Kundli 5th House: ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति शुभ ग्रह माने जाते हैं। वहीं जब बृहस्पति देव किसी की कुंडली के पंचम भाव में बैठते हैं तो जातक शिक्षा के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Tue, 15 Nov 2022 12:26:46 PM (IST)
Updated Date: Tue, 15 Nov 2022 12:30:18 PM (IST)

Janam Kundli 5th House: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखकर उसके जीवन के कई क्षेत्रों के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है। जैसे उसकी शादी, शिक्षा, धन सहित कई चीजें। इन्हीं सब में एक अहम क्षेत्र शिक्षा का होता है। कई माता-पिता को अपने बच्चे की पढ़ाई को लेकर चिंता रहती है।
बच्चों की शिक्षा और करियर का माता-पिता के साथ-साथ स्कूल और रिश्तेदारों पर भी काफी असर पड़ता है। लेकिन आपको बता दें कि ग्रहों की स्थिति भी बच्चों की शिक्षा को प्रभावित करती है। जी हां, ज्योतिष शास्त्र में बच्चों की जन्म कुंडली का पंचम भाव शिक्षा का माना जाता है और इसी भाव में शुभ-अशुभ ग्रहों के होने से बच्चों की शिक्षा का पता लगाया जा सकता है।
ज्योतिष शास्त्र में हर व्यक्ति की जन्म कुंडली का पंचम भाव उसकी शिक्षा का माना जाता है और इसी भाव में जब शुभ ग्रह बैठते हैं या फिर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ती है तो व्यक्ति बहुत ही उच्च शिक्षा प्राप्त करता है। तो आइए जानते हैं कौन सा ग्रह शुभ होता है कौन सा अशुभ
देवगुरु बृहस्पति
इस कड़ी में हम सबसे पहले बात करेंगे देवगुरु बृहस्पति के बारे में, ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति शुभ ग्रह माने जाते हैं। वहीं जब बृहस्पति देव किसी की कुंडली के पंचम भाव में बैठते हैं तो जातक शिक्षा के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है। साथ ही बता दें की बृहस्पति ग्रह को उच्च शिक्षा का कारक ग्रह माना जाता है।
इसी तरह जब कुंडली के पंचम स्थान में कोई भी शुभ ग्रह बैठे होते हैं तो वह व्यक्ति की पढ़ाई-लिखाई में कीर्तिमान स्थापित करता है। ऐसे बच्चे बहुत होशियार होते हैं और उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं। अपनी शिक्षा में सफलता के बाद करियर में भी सक्सेस प्राप्त करते हैं।
अशुभ ग्रह के कारण शिक्षा में आती हैं ये दिक्कतें
इसी के उलट अगर कुंडली के पंचम स्थान यानी शिक्षा के स्थान में कोई अशुभ ग्रह विराजमान होता है या फिर कुदृष्टि होती है तो जातकों को शिक्षा में कई दिक्कतें आती हैं।
ज्योतिष में राहु और केतु को पाप ग्रह माना जाता है। अगर इन दोनों ग्रहों में से एक ग्रह भी आपकी कुंडली के पंचम स्थान में होगा या इनकी दृष्टि पड़े तो व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करने और उसे पूरा करने में कई मुश्किलें आती हैं या फिर कहें कि बच्चों का शिक्षा में रुझान ही नहीं रहेगा। तो माता कि चिंताएं बढ़ जाएंगी। हालांकि इनके उपायों के बारे में आप किसी जानकार ज्योतिषाचार्य से पूछ सकते हैं।