Shani Vakri 2025: जुलाई में शनि मीन राशि में होंगे वक्री, जानें मिथुन राशि वालों पर कैसा होगा असर?
Shani Vakri 2025: 18 जुलाई से 30 नवंबर 2025 तक शनि देव मीन राशि में वक्री रहेंगे और मिथुन राशि के दशम भाव से गोचर करेंगे। यह समय आपके कामकाजी व्यवहार और सार्वजनिक छवि को मजबूत करने का है।
Publish Date: Wed, 18 Jun 2025 05:19:43 PM (IST)
Updated Date: Wed, 18 Jun 2025 05:45:38 PM (IST)

Shani Vakri 2025: 18 जुलाई से 30 नवंबर 2025 तक शनि देव मीन राशि में वक्री रहेंगे और मिथुन राशि के दशम भाव से गोचर करेंगे। दशम भाव हमारे करियर, प्रतिष्ठा और सामाजिक छवि से जुड़ा होता है। वक्री शनि इस समय आपको आत्मनिरीक्षण, अनुशासन और गंभीरता के साथ अपने लक्ष्यों पर दोबारा विचार करने का अवसर देंगे। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
करियर (Career)
- इस अवधि में कार्यस्थल पर विलंब, दबाव और अधिक निगरानी का सामना करना पड़ सकता है।
- बॉस या सीनियर्स से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलेगा।
- कार्यभार अधिक हो सकता है, लेकिन यह समय कर्तव्य निभाने और लंबी रेस की तैयारी का है।
- करियर में बदलाव से अधिक, वर्तमान भूमिका को और बेहतर ढंग से निभाने पर फोकस करें।
- शॉर्टकट या तात्कालिक सफलता के लालच से दूर रहें।
टिप: अपने काम की प्रणाली में अनुशासन लाएं और लॉन्ग टर्म गोल्स सेट करें।
आर्थिक स्थिति (Finance)
- पैसों की प्राप्ति में देरी या बाधाएं आ सकती हैं, खासकर सरकारी या संस्थागत मामलों में।
- शनि की दृष्टि से संपत्ति, पारिवारिक खर्च और जीवनसाथी से जुड़े खर्च बढ़ सकते हैं।
- व्यापार में मंदी या स्लोडाउन संभव है, इसलिए जोखिम से बचें।
टिप: बचत और पारदर्शी लेन-देन को प्राथमिकता दें।
स्वास्थ्य (Health)
- करियर का तनाव शरीर पर असर डाल सकता है: रीढ़, घुटने, पाचन तंत्र प्रभावित हो सकते हैं।
- लंबे समय तक बैठकर काम करने वालों को विशेष सावधानी रखनी होगी।
- प्राणायाम, स्ट्रेचिंग और संतुलित डाइट को दिनचर्या में शामिल करें।
टिप: अत्यधिक कैफीन और तनावजनक आदतों से बचें।
पारिवारिक जीवन (Family)
- काम के तनाव के कारण घर से दूरी महसूस हो सकती है।
- माता-पिता या वरिष्ठ सदस्यों से विचारों में टकराव हो सकता है।
- यह समय भावनात्मक परिपक्वता की परीक्षा है।
टिप: कम समय दें, लेकिन वह गुणवत्तापूर्ण और ईमानदार हो।
शिक्षा और परीक्षा (Education)
- प्रतियोगी परीक्षाओं या उच्च शिक्षा में लगे छात्रों को धीमी प्रगति का सामना करना पड़ सकता है।
- यह समय स्व-अध्ययन और योजना के लिए उपयुक्त है।
टिप: अनुशासन बनाए रखें और असफलता से घबराएं नहीं।
उपाय (Remedies)
- हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- शनिवार को पीपल के पेड़ पर काले तिल मिलाकर जल चढ़ाएं और सात परिक्रमा करें।
- बुजुर्गों और ज्ञानी लोगों का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें।
- ऑफिस में राजनीति, चुगली और टकराव से बचें।
- हर शनिवार दक्षिण दिशा में तिल के तेल का दीपक जलाएं।
शनि का वक्री गोचर मिथुन राशि वालों के लिए आत्मचिंतन और पुनर्निर्माण का समय है। यह काल भले ही थोड़ा कठिन लगे, लेकिन यह आपको स्थायी सफलता की दिशा में ले जाएगा। धैर्य, अनुशासन और समर्पण ही इस समय आपकी सबसे बड़ी पूंजी होंगे।