Aate Ka Diya: जानिए क्यों जलाया जाता है आटे का दीपक, इसका महत्व और चमत्कारी प्रभाव
Aate Ka Diya: किसी खास मनोकामना के लिए आटे का दीया जलाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जीवन की बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान आटे के दीपक से निकल सकता है। पढ़िए विस्तार से
By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Sun, 09 Oct 2022 09:53:47 AM (IST)
Updated Date: Sun, 09 Oct 2022 09:53:47 AM (IST)

Aate Ka Diya: सनातन धर्म में पूजा के समय दीप जलाने का विशेष महत्व है। किसी भी देवता की पूजा के लिए उनके सामने दीपक जलाना शुभ माना जाता है। आमतौर पर लोग घरों में पीतल, तांबे या मिट्टी के दीये का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कई बार आपने लोगों को आटे के दीये जलाते हुए देखा होगा, तो क्या आप जानते हैं कि आटे का दीपक क्यों जलाया जाता है? आटे का दीया जलाना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
दरअसल, किसी खास मनोकामना के लिए आटे का दीया जलाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जीवन की बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान आटे के दीपक से निकल सकता है। आटे के दीये के बारे में मान्यता है कि ये विशेष दिन और विशेष परिस्थितियों में जलाए जाते हैं।
आटे के दीपक जलाने का नियम
किसी भी मनोकामना की पूर्ति के लिए आटे के दीपक घटते या बढ़ते क्रम में जलाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, 11 दिन, 21 दिन और 31 दिन। ज्योतिष शास्त्र में आटे के दीयों का क्रम इस प्रकार बताया गया है। दीपक से शुरू करके इसे 11 तक लिया जाता है। उदाहरण के लिए संकल्प के पहले दिन, फिर दूसरे दिन, फिर दूसरे दिन, तीसरे दिन, तीसरे दिन, तीसरे दिन, चौथे दिन। अगले दिन से, दीपक फिर से घटते क्रम में जलाए जाते हैं। जैसे 10, फिर 9 फिर 7 फिर 5 फिर 3 और फिर 1.
ऐसे दूर होती है आर्थिक समस्या
यदि आप आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो इस स्थिति में आपको लगातार 11 दिनों तक संकल्प के साथ देवी लक्ष्मी के सामने आटे का दीपक जलाना चाहिए। इस उपाय से आपके घर में आने वाली धन संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इसके अलावा आटे में हल्दी मिलाकर देसी घी का दीपक जलाने से भी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि बजरंग बली के सामने आटे का दीपक जलाने से कर्ज, आर्थिक संकट और शनि के प्रकोप से मुक्ति मिल सकती है। इसी तरह मां अन्नपूर्णा देवी से भी आटे के दीये जलाकर घर में आर्थिक संकट दूर करने की प्रार्थना की जाती है।