Aja Ekadashi 2025: 19 अगस्त को एकादशी के दिन न करें ये गलतियां, नरक जैसी होगी जिंदगी
अजा एकादशी 18-19 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और पापों से मुक्ति तथा मोक्ष की प्राप्ति दिलाता है। इस दिन तामसिक भोजन, चावल और नाखून-बाल काटना वर्जित है। व्रत करने से सौभाग्य, सुख और संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है।
Publish Date: Mon, 18 Aug 2025 10:57:15 AM (IST)
Updated Date: Mon, 18 Aug 2025 12:36:41 PM (IST)
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है।HighLights
- अजा एकादशी की तिथि 19 अगस्त 2025 है।
- व्रत करने से पाप नष्ट होते, मोक्ष का मार्ग मिलता।
- भगवान विष्णु की उपासना से सौभाग्य और सुख प्राप्त।
धर्म डेस्क। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु को समर्पित यह व्रत महीने दो बार आता है। सनातन धर्म में माना गया है कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु के चरणों में स्थान मिलता है। भक्तों को बैकुंठ प्राप्त होता है।
इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि एकादशी व्रत में क्या नहीं करना चाहिए...
अजा एकादशी 2025 तिथि
- भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 18 अगस्त 2025 को शाम 5 बजकर 22 मिनट पर प्रारंभ होगी।
- 19 अगस्त 2025 को दोपहर 3 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी।
- अजा एकादशी व्रत का पारण 20 अगस्त को सुबह 5 बजकर 53 मिनट से 8 बजकर 29 मिनट तक किया जाएगा।
व्रत का महत्त्व
- अजा एकादशी व्रत रखने से जीवन के दुख-दर्द और संकट दूर होते हैं।
- इस व्रत से सौभाग्य का आगमन होता है। पापों से मुक्ति मिलती है।
- अजा एकादशी का व्रत करने वाले को मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है।
इस दिन क्या न करें
अजा एकादशी का दिन पवित्र माना जाता है। इस दिन मांस-मदिरा, प्याज-लहसुन और चावल का सेवन वर्जित है। नाखून और बाल काटने की भी मनाही है। भक्तों को इस दिन भजन-कीर्तन, मंत्र-जप और भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। मन में ईर्ष्या, जलन, घृणा जैसे नकारात्मक विचारों से दूर रहकर तन और मन की पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है।
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