अर्जुन ने उलूपी से भी किया था विवाह
कालक्रम के अनुसार उसी समय पांडव 12 वर्ष का वनवास और 1 वर्ष के अज्ञातवास के लिए निकले थे।
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Publish Date: Sat, 13 Feb 2016 12:27:16 PM (IST)
Updated Date: Mon, 15 Feb 2016 05:18:32 PM (IST)

पांडु पुत्र अर्जुन ने सर्वप्रथम द्रुपद राजा की पुत्री द्रोपदी से विवाह किया, इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा से विवाह किया था। और इसके बाद चित्रांगदा से, लेकिन उन्होंने एक नागिन से भी विवाह किया था। जिसका नाम था 'उलूपी'।
विष्णु पुराण के अनुसार उलूपी ऐरावत वंश के कौरव्य नामक नाग की कन्या थी। यानी उलूपी नागकन्या (नागिन) थीं। अर्जुन से उलूपी के विवाह की पौराणिक कथा बहुत ही रोचक है। दरअसल उलूपी के पति को गरुड़ ने मार दिया था। जिससे वह विधवा हो गई।
कालक्रम के अनुसार उसी समय पांडव 12 वर्ष का वनवास और 1 वर्ष के अज्ञातवास के लिए निकले थे। तभी गंगा के तट पर उलूपी की भेंट अर्जुन से हुई। उलूपी, अर्जुन को देखते ही उन पर मोहित हो गईं। उन्हें वह पाताललोक ले गईं, जहां उलूपी ने अर्जुन के समक्ष विवाह प्रस्ताव रखा।
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जिस समय अर्जुन नागलोक में निवास कर रहे थे, उस समय चित्रांगदा से उत्पन्न अर्जुन का पुत्र 'वभ्रुवाहन', जो अपने नाना, मणिपुर नरेश का उत्तराधिकारी था। उनके पास आया। वभ्रुवाहन को उलूपी ने अर्जुन के खिलाफ भड़काया। इस तरह पिता और पुत्र में युद्ध हुआ।
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उलूपी की माया के प्रभाव से वभ्रुवाहन अर्जुन को मार दिया। लेकिन बाद में अपने पिता अर्जुन को मार देने के कारण वह इतना दुखी हो गया कि उसने आत्म-हत्या करने का प्रण लिया।
वभ्रुवाहन के संकल्प को जानकर उलूपी ने एक मणि की सहायता से अर्जुन को पुनः जीवनदान दिया। अर्जुन से उलूपी ने इरावत नामक पुत्र को जन्म दिया। उलूपी अर्जुन के सदेह स्वगारोहण के समय तक उनके साथ थीं।