नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर (Ashadha Navratri 2025): सरकंडा स्थित श्री पीतांबरा पीठ त्रिदेव मंदिर में आषाढ़ गुप्त नवरात्र महोत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दौरान प्रतिदिन विशेष पूजन, श्रृंगार और मध्यान्ह कालीन हवनात्मक महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश महाराज ने बताया कि नवरात्रि के तृतीय दिवस पर मां श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का पूजन राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी स्वरूप में षोडशी देवी के रूप में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि षोडशी देवी, जिन्हें त्रिपुर सुंदरी के नाम से जाना जाता है, 16 कलाओं से युक्त हैं और सौम्यता, शक्ति और सौंदर्य की प्रतीक हैं।
डॉ. दिनेश जी महाराज ने मां के स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा कि मां स्वर्णिम वर्ण की हैं, जिनके शरीर पर लाल रंग का दिव्य वस्त्र शोभायमान है। वे चतुर्भुज स्वरूप में विराजमान हैं।
एक हाथ में पुष्परूपी पांच बाण, दूसरे में धनुष, तीसरे में अंकुश और चौथे हाथ में फंदा धारण किए हुए हैं। मां के मुकुट से सुसज्जित खुले केश और तेजस्वी मुखमंडल में दिव्यता झलकती है।
उनके माथे पर महादेव के समान तीसरा नेत्र भी है। मां त्रिपुर सुंदरी को ललिता, राजराजेश्वरी, कामाक्षी, लीलावती, ललितांबिका जैसे अनेक नामों से जाना जाता है। इनकी उपासना से वैवाहिक जीवन में सुख, मानसिक शांति, आत्मिक नियंत्रण और सिद्धि प्राप्त होती है।
महादेव का रुद्रावतार षोडेश्वर महादेव भी इसी देवी से संबंधित माना जाता है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में इस विशेष पूजन और हवन कार्यक्रम का आयोजन भक्ति और उत्साह के वातावरण में किया जाएगा।