Astro News: रामायण और महाभारत में कई अस्त्र-शस्त्रों का जिक्र है। ऐसा ही एक अस्त्र ब्रह्मास्त्र था। जिसे सबसे खतरनाक माना जाता था। रामायण में कई बार इस अस्त्र का इस्तेमाल किया गया। आज हम आपको ब्रह्मास्त्र से जुड़ी खास बातें, प्रसंग व रोचक तथ्यों के बार में बताने जा रहा है। जानिए क्या हुआ जब दशानन के बेटे मेघनाद ने हनुमान जी पर ब्रह्मास्त्र से हमला किया था।
जब हुआ मेघनाद और पवनपुत्र का सामना?
हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे थे। उन्होंने देवी को काफी खोजा, लेकिन सफलता नहीं मिली तो वे निराश हो गए। तब विभीषण ने उन्हें माता सीता के बारे में बताया। तब पवनपुत्र अशोक वाटिका पहुंचे। उन्होंने प्रभु श्रीराम का संदेश देवी को सुनाया। इसके बाद हनुमान जी को भूख लगी तो वे अशोक वाटिका के फल तोड़कर खाने लगे। इतने बड़े वानर को देख पहरेदारों ने इसकी जानकारी रावण को दी। रावण ने अपने पुत्र अक्षय को बजरंगबली को बंदी बनाने के लिए भेजा, लेकिन हनुमान ने उसका वध कर दिया। फिर मेघनाद हनुमानजी को पकड़ने आया। उसने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया। वरदान के कारण राम भक्त को कुछ नहीं हो सकता था, लेकिन ब्रह्मा का अस्त्र होने के कारण हनुमानजी खुद उसके बंधनों में बंध गए।
हनुमानजी को मिला था वरदान
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार इंद्र ने नाराज होकर हनुमान जी पर वज्र का प्रहार कर दिया। जिससे हनुमान जी बेहोश हो गए। गुस्से में पवनदेव ने संसार की प्राण वायु रोक दी। जिससे सृष्टि में हाहाकार मच गया। तब ब्रह्मा बजरंगबली को होश में लाए। उस समय सभी देवताओं ने हनुमानजी को वरदान दिया। इन वरदानों से हनुमान बेहद शक्तिशाली बन गए। तब ब्रह्मदेव ने उन्हें वरदान दिया था कि यह बालक सभी प्रकार के ब्रह्दण्डों से अवध्य होगा। किसी भी युद्ध में इसे जीत पाना असंभल होगा। यह इच्छा अनुसार रूप धारण कर सकेगा।
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