Astrological Remedies For Child Birth: आज विज्ञान बहुत तरक्की कर चुका है। इसकी वजह से आजकल संतान प्राप्ति के बहुत से तरीके उपलब्ध हो चुके है। इन सब से परे आप बच्चा गोद भी ले सकते है। लेकिन हर विवाहित जोड़ा चाहता है कि उसका अपना बच्चा होना चाहिए। वैसे भी गोद लिए बच्चे को वो प्यार और खुशी नहीं दे पाएंगे। जो वो अपने खुद के बच्चे को दे सकता है। हर कोई यही चाहता है कि उनका अपना बच्चा हो तो वो ही सबसे ठीक रहेगा। आजकल संतान प्राप्ति के लिए लोग क्या-क्या जतन करते हैं पर कुछ उपाय पूरी निष्ठा और मन से किये जाए तो अवश्य ही लाभ होता है। आइये बताते हैं ऐसे ही कुछ उपाय।
1.मंत्रसिद्ध चैतन्य पीली कौड़ी को शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक बंध्या स्त्री की कमर में बांधने से उस निःसंतान स्त्री की गोद शीघ्र ही भर जाती है।
2. बरगद के पत्ते पर कुमकुम द्वारा स्वास्तिक का निर्माण करके उस पर चावल एवं एक सुपारी रखकर किसी देवी मंदिर में चढ़ा दें। इससे भी संतान सुख की प्राप्ति यथाशीघ्र होती है।
3. घर से बाहर निकलते समय यदि काली गाय आपके सामने आ जाए तो उसके सिर पर हाथ अवश्य फेरें। इससे संतान सुख का लाभ प्राप्त होता है।
4. भिखरियो को गुड दान करने से भी संतान सुख प्राप्त होता है।
5. विवाहित स्त्रियां नियमित रूप से पीपल की परिक्रमा करने और दीपक जलाने से उन्हें संतान अवश्य प्राप्त होती है।
6. श्रवण नक्षत्र में प्राप्त किये गए काले एरंड की जड़ को विधिपूर्वक कमर में धारण करने से स्त्री को संतान सुख अवश्य मिलता है।
7. रविवार के दिन यदि विधिपूर्वक सुगन्धरा की जड़ लाकर गाय के दूध के साथ पीसकर स्त्री खाए तो उसे अवश्य ही संतान सुख मिलता है।
8. संतान सुख प्राप्ति का एक उपाय यह भी है की गेंहू के आटे की गोलियां बनाकर उसमे चने की दाल एवं थोड़ी सी हल्दी मिलाकर गाय को गुरुवार के दिन खिलाये।
9. चावलों की धोबन मे नींबू की जड़ को बारीक पीसकर स्त्री को पिलाने के उपरान्त यदि एक घंटे के भीतर स्त्री के साथ उसके पति द्वारा सहवास-क्रिया की जाए तो वो स्त्री निश्चित रूप से कन्या को ही जन्म देती है यह प्रयोग तब किया जाना चाहिए जब कन्या की चाहत बहुत अधिक है।
10. यदि संतानहीन स्त्री ऋतुधर्म से पूर्व ही रेचक औषधियों (दस्तावर दवाओं) के द्वारा अपने उदार की शुद्धि कर लेने के पश्चात गूलर के बन्दा को श्रद्धापूर्वक लाकर बकरी के दूध के साथ पीए और मासिक धर्म की शुद्धि के उपरान्त सेवन करे तो पुत्र रतन की ही प्राप्ति होगी।
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