Rahu-Ketu Dosh: ज्योतिष शास्त्र में शनि के साथ ही राहु और केतु को सबसे पापी ग्रहों में एक माना जाता है। ये कुंडली के जिस भाव में बैठ जाते हैं, उसके बुरे परिणाम मिलने लगते हैं। ज्योतिष में राहु और केतु को शनि देव के अनुचर माना जाता है। सिर राहु है तो केतु धड़ है। राहु बुद्धि भ्रष्ट करता है, तो केतु बिना सोचे-समझे काम करने को प्रेरित करता है और इसका नुकसान उठाना पड़ता है। राहु ज्ञानेन्द्रियों से जुड़ा है, तो केतु कर्मेन्द्रियों से। राहु की देवी सरस्वतीजी और केतु के देवता भगवान गणेशजी हैं। इससे आप समझ सकते हैं कि राहु-केतु का जातकों को स्वभाव पर किस तरह का असर पड़ता है।
राहु-केतु की भूमिका एक पुलिस अधिकारी की तरह होती है। शनि के आदेश पर राहु-केतु कर्मों का फल देते हैं। राहु का रंग काला और केतु का सफेद माना जाता है। कुंडली में राहु की बुरी स्थिति होने पर व्यक्ति के साथ अचानक होने वाली घटनाएं बढ़ जाती है। दुर्घटनाएं, होनी-अनहोनी, भय और कुविचार मन में जगह बना लेते हैं। वहीं राहु अच्छी स्थिति में हो, तो अचानक धन लाभ होता है। ऐसे लोगों को राजनीति, पुलिस, प्रशासन, गुप्तचर सेवा, सीबीआई आदि क्षेत्रों में सफलता मिलती है। केतु की अशुभ स्थिति से व्यक्ति सड़क पर या जेल में होता है। इनकी रातों की नींद हराम रहती है। ये लोग गृहकलह से भी ग्रस्त रहते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आपके गले से ऊपर किसी भी तरह का विकार है, तो उसके लिए राहु को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। वहीं अगर फेफड़े, हाथ, पेट और पैर में किसी भी प्रकार का विकार है तो आप केतु के शिकार हैं। राहु सिर और ठोड़ी पर और केतु रीढ़, किडनी, घुटने, लिंग और जोड़ों पर प्रभाव डालता है।
राहु को शांत करने के लिए माता दुर्गा की पूजा करें। ससुराल पक्ष से अच्छे संबंध रखें। भोजन भोजनकक्ष में ही करेंचांदी का ठोस हाथी बनवाकर घर में रखें। रात को सिरहाने मूली रखें और उसे सुबह किसी मंदिर में दान कर दें। 100 दिन तक किसी मंदिर में झाड़ू लगाएं। पानी में जौ को बहाने से भी राहत मिलती है। केतु को शांत करने के लिए भगवान गणेश की आराधना करें। संतान को केतु माना जाता है, इसलिए संतानों से संबंध अच्छे रखें।सफेद और काला दोरंगी कंबल किसी मंदिर में या गरीब को दान करें। कुत्तों को किसी भी हालत में ना सताएं।संभव हो तो उन्हें रोटी खिलाएं।
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'