भरणी नक्षत्र
इस नक्षत्र के देवता यम हैं। ये मृत्यु के देवता हैं। इन्हें सूर्य और संजना (छाया) का पुत्र माना जाता है।
By Shailendra Kumar
Edited By: Shailendra Kumar
Publish Date: Thu, 13 Apr 2023 10:06:08 PM (IST)
Updated Date: Thu, 13 Apr 2023 10:06:08 PM (IST)
Bharani: भरणी नक्षत्र को 27 नक्षत्रों में दूसरा स्थान प्राप्त है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार भरणी नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह है। इस नक्षत्र के देवता यम और लिंग स्री है। इस नक्षत्र पर रोमांस के कारक ग्रह शुक्र और जोश एवं उत्साह के कारक ग्रह मंगल दोनों का ही प्रभाव पड़ता है। भरणी का अर्थ धारक होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, दक्ष प्रजापति की एक पुत्री थी जिसका नाम भरणी था। इनका विवाह चंद्रमा से हुआ था। उसी के नाम पर इन नक्षत्र का नाम रखा गया।
विशेषता
इस नक्षत्र में पैदा हुए जातक बुद्धिमान एवं ज्ञानी होते हैं। स्त्री जातक बहुत सुन्दर होती है। ये सत्यवादी, दृढ़ प्रतिज्ञ, सुखी एवं धनी होते हैं। ये शौकीन मिजाज के होते हैं। ये कार्य अपने मतानुसार ही करते हैं इसी कारण वह कई बार असफल भी हो जाते हैं। ये छोटी-छोटी बातों पर बिगड़ जाते हैं परन्तु जल्द ही सब कुछ भूल भी जाते हैं। किसी के अधीन कार्य करना इन्हें पसन्द नहीं होता। इनके जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।