धर्म डेस्क, इंदौर। चंद्रगुप्त मौर्य के मार्गदर्शक आचार्य चाणक्य ने अपने ज्ञान से मौर्य साम्राज्य की नींव रखी थी। उनको कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भई जाना जाता है। उन्होंने अर्थशास्त्र और चाणक्य नीति नामकी दो पुस्तकें लिखी थीं, जिसके जरिए जीवन के हर पहलू को छुआ था। उनकी गहरी ज्ञान भरी बातें हजार साल बाद भी सार्थक मानी जाती हैं।
उनकी बताई गईं बातों से जीवन को बेहतर बनाने के लिए चार तरह के लोगों से सावधानी बरतने की बात कही है। यह लोग जीवन को नरक बना सकते हैं।
चाणक्य का मानना था कि घर में दुष्ट या क्रूर स्त्री के होने से गृहस्वामी का जीवन नरक समान हो जाता है। वह मृतक के समान ही जीवन जीता है। उसको अपने ही बनाए घर में अपमान सहन करना पड़ता है। इससे बुरी मानसिक पीड़ा नहीं हो सकती है।
चाणक्या मानते हैं कि दुष्ट मित्र पर कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए। इस तरह का व्यक्ति विश्वासघात कर सकता है। ऐसे मित्रों से जल्द ही दूरी बना लेना ही बुद्धिमानी है।
चाणक्य बताते हैं कि सेवक का व्यवहार अपने मालिक के प्रति जिम्मेदारी से भरा होना चाहिए। जवाब देने वाले, असभ्य व्यवहार करने वाले सेवक नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे व्यक्ति से जल्दी संबंध समाप्त कर लेना बेहतर है।
चाणक्य स्पष्ट चेतावनी देते हैं कि सांप एक खतरनाक जीव है। ऐसे में सांपों के रहने वाले घरों से दूरी ही अच्छी होती है। कभी भी सर्पदंश का शिकार होना पड़ सकता है, इसलिए ऐसा घर जल्द छोड़ देना चाहिए।