धर्म डेस्क, इंदौर। साल 2025 में चार ग्रहण लगने थे, जिसमें दो लग चुके हैं। अब आखिरी दो ग्रहण सितंबर महीने में लग जाएंगे। यह ध्यान देने की जरूरत है कि इसी महीने में पितृ पक्ष होगा, जिसमें श्राद्ध और तपर्ण जैसे कर्म किए जाते हैं। सूर्य ग्रहण और दूसरा चंद्र ग्रहण इसी दौरान पड़ेंगे, जिससे एक सवाल लोगों के मन में आ रहा है कि कैसे श्राद्ध और तर्पण किए जाएंगे।
7 सितंबर को साल 2025 का अंतिम चंद्र गृहण लगेगा। खास बात यह है कि इस दिन पितृ पक्ष की भी शुरुआत हो रही है, जिससे यह तारीख और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। पूर्ण चंद्र ग्रहण रात 9:58 मिनट से शुरू होगा, जो कि रात 1:26 तक चलेगा। ग्रहण 3 घंटे 28 मिनट और 2 सेकेंड तक प्रभावी रहेगा। चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और भाद्रपद नक्षत्र पर लगेगा।
भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा, इसलिए सूतक काल भी लगेगा। ज्योतिष के अनुसार सूतक काल चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले लगता है। इस हिसाब से 7 सितंबर को दोपहर 12:58 पर सूतक काल शुरू होगा।
चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लग रहा है। इसी दिन पितृ पक्ष की भी शुरुआत है। ऐसे में कब पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण जैसे कर्म किए जाएं? इस सवाल का जवाब है कि पितृ को तर्पण देने का कर्म प्रात: काल से शुरू हो जाते हैं। इनको किसी भी हालत में सूतक काल से पहले कर देना है। 7 सितंबर को दोपहर 12 बजे से पहले सारे श्राद्ध कर्म निपटा लेना ही ठीक होगा।