पीली नदी से शुरू हुई चीनी सभ्यता आज भी है जीवित
चीन की सभ्यता विश्व इतिहास में काफी प्राचीन मानी जाती है।
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Publish Date: Fri, 05 Feb 2016 12:35:08 PM (IST)
Updated Date: Sat, 06 Feb 2016 06:20:01 PM (IST)

चीन की सभ्यता का उदय ह्वांग्हो (ह्वांगहो) नदी के निचले हिस्से बेसिन में हुआ था। चीनी लोग इसे पीली नदी कहते थे। इस नदी का उद्गम तिब्बत की पहाड़ियों से होता है। यह नदी बहती हुई प्रशांत महासागर में मिलती है।
प्राचीन चीन में धर्म की शुरुआत हो चुकी थी। वह अपने पूर्वजों को देवस्वरूप मानते थे। पूर्वजों को चीनी लोग पितर कहते थे। उनका मानना था कि मृत्यु के बाद आत्माएं देवत्व को प्राप्त करती हैं। चीनी लोग देवी-देवताओं की पूजा करते थे।
शांग युग में एक प्रमुख देवी की पूजा की जाती थी। जिसे 'परदार-सर्प-स्त्री' के नाम से पूजा जाता था। समय के साथ पहाड़ों और नदियों की भी पूजा होने लगी।
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चाऊ युग में पृथ्वी की पूजा काफी लोकप्रिय थी। पृत्थी को एक विशाल रेत के टीले के रूप में पाजा जाता था। यह टीला उस शहर या फिर गांव के धार्मिक और सामाजिक जीवन का केंद्र था।
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चीनी वायु देव को पूजते थे। बलि प्रथा का प्रचलन था। 'टी' नाम का एक देवता था। जिसे बाद में 'शांग टी' कहा जाने लगा। 'टी शांग' को चीनी सभ्यता में सर्वश्रेष्ठ देवता माना जाता है। उसके समान पृथ्वी के देवता के रूप में 'हाउ टू' का नाम आता है। बाद में 'तिएन' और 'शांग टी' एक हो गए। और उनके रूप को चीनी लोग पूजते आ रहे हैं।
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चीन की सभ्यता विश्व इतिहास में काफी प्राचीन मानी जाती है। इस सभ्यता के बारे में कहा जाता है कि मिस्त्र, सुमेरिया, यूनान, बेबीलोन( मेसोपोटोमिया) और यूनान की तरह अनेक जातियां और नस्लों के लोगों की नहीं बल्कि एक ही जाति के लोगों की सभ्यता हैं।
ये सभी एक ही भाषा बोलते और लिखते थे। बाद में यह सभ्यताएं मिटती गईं। लेकिन चीनी सभ्यता आज भी जीवित है।