यहां भक्त के घर मेहमान बनकर आते हैं भगवान
देवता दो साल बाद अपने स्थायी वासस्थान से बाहर निकलते हैं। वहीं एक साल के लिए देवता को वासस्थान में ही रखा जाता है।
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Publish Date: Mon, 24 Feb 2014 05:45:10 PM (IST)
Updated Date: Wed, 26 Feb 2014 11:15:51 AM (IST)
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में भगवान भक्त का हालचाल जानने निकल पड़ते हैं। किंवदंती के अनुसार यहां पर देवी-देवता नवम्बर और दिसंबर माह में प्रजा से मिलने के लिए आते हैं।
घाटी के अलग-अलग क्षेत्रों में देवी-देवताओं का मंदिर से बाहर निकलकर प्रजा से मिलने बदलता रहता है। इन दिनों चन्द्रावैली के तिनन-खंगसर पंचायत के देवता नागराज अपने कारकूनों समेत गांवों के भ्रमण पर निकले हुए हैं।
फिलहाल नागराज देवता इन दिनों चन्द्रावैली के खंगसर, जागला व नुकर आदि गांवों के दौरे पर गए हुए हैं। नागराज हर रोज एक घर में श्रद्धालुओं के आमंत्रण पर जाते हैं। इस दौरान कई लोग अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर भी नागराज देवता को अपने यहां बुलाते हैं।
कहते हैं कि नागराज को रोज देवता के वासस्थान लाना पड़ता है जहां से अगला श्रद्धालु देवता को अपने साथ ले जाता है। देवता दिसम्बर माह के अंत तक भ्रमण पर रहेंगे और प्रत्येक घर में एक दिन रूकेंगे।
मान्यता है कि देवता दो साल बाद अपने स्थायी वासस्थान से बाहर निकलते हैं। वहीं एक साल के लिए देवता को वासस्थान में ही रखा जाता है।