दीपावली 2025
दीवाली 2025 का पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। लोग घर सजाते हैं, दीप जलाते हैं, लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। डिजिटल युग में ऑनलाइन गिफ्टिंग और ई-पूजा की परंपरा भी बढ़ी है।
Publish Date: Sun, 12 Oct 2025 02:31:08 PM (IST)
Updated Date: Sun, 12 Oct 2025 02:31:08 PM (IST)
दीपावली रोशनी से जगमगाने वाला पर्व है।HighLights
- दीवाली 2025 का पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
- यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।
- घरों की सजावट और दीप जलाने की परंपरा निभाई जाती।
दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है। यह भारत का सबसे बड़ा और रोशनी से जगमगाने वाला पर्व है। यह त्योहार हर साल कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष दीवाली 2025 का पर्व 20 अक्टूबर (सोमवार) को मनाया जाएगा।
दिवाली का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। लोगों ने उनके स्वागत में पूरे नगर को दीपों से सजाया, जो परंपरा आज भी जारी है। जैन धर्म में यह भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के रूप में और सिख धर्म में गुरु हरगोबिंद जी की जेल से मुक्ति दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
कैसे मनाई जाती है दिवाली
दिवाली से पहले घरों की साफ-सफाई और सजावट की जाती है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां बांटते हैं, लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं और दीप जलाकर अपने घरों को प्रकाशमय बनाते हैं। डिजिटल युग में अब ऑनलाइन गिफ्ट, ई-कार्ड और डिजिटल पूजा सेवाओं का चलन भी तेजी से बढ़ा है।
आर्थिक और सामाजिक महत्व
दिवाली व्यापारियों के लिए नया वित्तीय वर्ष भी होता है। सोना-चांदी खरीदना, शेयर मार्केट में निवेश और इलेक्ट्रॉनिक्स की खरीद इस समय शुभ मानी जाती है। यह पर्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी भारत की एकता, परंपरा और उत्सव भावना का प्रतीक है।