
धर्म डेस्क। नए साल 2026 की आहट के साथ ही सोशल मीडिया पर दुनिया के अंत को लेकर भविष्यवाणियों का दौर शुरू हो गया है। इन दिनों घाना (अफ्रीका) के स्वघोषित पैगंबर ईबो नोआ (Ebo Noah Prophecy) अपनी अजीबोगरीब भविष्यवाणियों के कारण चर्चा में हैं। इंस्टाग्राम पर 40 हजार से अधिक फॉलोअर्स वाले नोआ का दावा है कि दुनिया जल्द ही महाप्रलय का सामना करेगी। आइए समझते हैं कि ईबो नोआ की इन भविष्यवाणियों का सच क्या है और इनका आधार क्या है।
ईबो नोआ मूलतः घाना के निवासी हैं और खुद को पैगंबर बताते हैं। वे अक्सर सोशल मीडिया पर अजीबोगरीब वेशभूषा, जैसे बोरे से बने कपड़े पहनकर वीडियो साझा करते हैं। उनके वीडियो घाना सहित दुनियाभर के कई हिस्सों में वायरल होते रहते हैं, जिससे लोगों में भय और भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है।

ईबो नोआ ने अपने एक वायरल वीडियो में दावा किया है कि 25 दिसंबर (क्रयसमस) से दुनिया की तबाही की शुरुआत होगी। उनके अनुसार, इस बार मूसलाधार बारिश होगी, जो पहले कभी नहीं देखी गई। इस अत्यधिक वर्षा से वैश्विक स्तर पर विनाशकारी बाढ़ आएगी, जिससे कृषि, प्राकृतिक संसाधन और मानव जीवन पूरी तरह तहस-नहस हो जाएगा। अपने दावों को पुख्ता करने के लिए वे अक्सर हाथ में बाइबल लेकर वीडियो बनाते हैं।
नोआ का कहना है कि उन्हें ईश्वर से 'आदेश' मिला है कि लोग सुरक्षित रहने के लिए नावों का निर्माण करें। उन्होंने अपने अनुयायियों को आठ विशेष नावें बनाने का निर्देश दिया है। दिलचस्प बात यह है कि जब उनकी पिछली भविष्यवाणियां गलत साबित हुईं, तो उन्होंने एक नया वीडियो जारी कर दिया। इसमें उन्होंने तर्क दिया कि "ईश्वर ने मानवता को बचाने के लिए समय सीमा और नाव बनाने की अवधि बढ़ा दी है।"

ईबो नोआ की इन बातों को वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों ही स्तरों पर नकारा जा रहा है। आलोचकों का मानना है कि यह केवल लोकप्रियता पाने और लोगों को डराने का हथकंडा है। बाइबल के जानकारों का कहना है कि धार्मिक ग्रंथों में भी स्पष्ट है कि अब वैसी विनाशकारी बाढ़ कभी नहीं आएगी जैसी प्राचीन काल में आई थी। सोशल मीडिया पर लोग इसे पूरी तरह भ्रामक मान रहे हैं और अपील कर रहे हैं कि ऐसे किसी भी निराधार दावे पर विश्वास न करें।
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