मां लक्ष्मी ने बांधी थी सबसे पहले इनको राखी
हिंदू पौराणिक कहानियों के अनुसार श्रावण पूर्णिमा के दिन सर्वप्रथम माता लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी।
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Publish Date: Wed, 26 Aug 2015 04:33:23 PM (IST)
Updated Date: Thu, 27 Aug 2015 06:00:13 AM (IST)

हिंदू पौराणिक कहानियों के अनुसार श्रावण पूर्णिमा के दिन सर्वप्रथम माता लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी। महाभारत में भी रक्षाबंधन का उल्लेख मिलता है।
महाभारत यानी द्वापरयुग इस समय जब शिशुपाल का वध करते समय भगवान श्रीकृष्ण की अंगुली में चोट लग गई, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी से उस बहते रक्त को रोकने के लिए अंगुली और कलाई पर बांधा था।
इस तरह जब द्रौपदी के चीरहरण के समय श्रीकृष्ण ने उनकी लाज बचाकर भाई का कर्तव्य निभाया।
धार्मिक मत: उतरांचल में रक्षाबंधन श्रावणी नाम से मनाया जाता है। भारत के ब्राह्मण वर्ग में इस इन यज्ञोपवीत धारण किया जाता है। अमरनाथ यात्रा भी रक्षा बंधन के दिन समाप्त होती है।
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सामाजिक मत: राजस्थान में रक्षाबंधन के दिन इंद्न रामराखी और चूडा राखी बांधने की परम्परा है। राम राखी केवल भगवान को ही बांधी जाती है व चूडा राखी केवल भाभियों की चूडियों में ही बांधी जाती है। यह रेशमी डोरे से राखी बनाई जाती है।
इन बातों का रखें ध्यान: रक्षाबंधन का पर्व अपने इष्ट देव की पूजा करने के बाद राखी की भी पूजा करें साथ ही पितृरों को याद करें व अपने बडों का आर्शीवाद ग्रहण करें।
राखी के रुप में किसी रंगीन सूत की डोर को लिया जा सकता है। डोरी रेशम की भी हो सकती है। डोरी में सुवर्ण, केसर, चन्दन, अक्षत और दूर्वा रख कर इसकी पूजा करें, पूजा करते समय जितने भी समय के लिये पूजा की जा रही है, उतने समय में व्यक्ति को अपना ध्यान केवल पूजा में ही लगाना चाहिए।