अमूमन हम नौटंकी शब्द का प्रयोग राजनीतिक, वैचारिक या फिर हास्य संदर्भ में करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं नौटंकी में उत्तर-प्रदेश की लोक कला के सौंधी खुशबू महकती है।
क्योंकि इसकी शुरूआत उत्तरप्रदेश से ही हुई है। इसके अलावा नौटंकी पाकिस्तान और नेपाल के सुदूर अंचलों में भी किया जाने वाला नाट्य है।
कैसे शुरू हुई नौटंकी
- नौटंकी भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीनकाल से चली आ रही स्वांग परम्परा की वंशज है।
- नाट्य कला का नौटंकी नाम मुल्तान (पाकिस्तानी पंजाब) की एक ऐतिहासिक 'नौटंकी' नामक राजकुमारी पर आधारित एक 'शहज़ादी नौटंकी' नाम के प्रसिद्ध नृत्य-नाटक पर पड़ा।
- नौटंकी और स्वांग में बड़ा अंतर है। जहां स्वांग ज्यादातर धार्मिक विषयों से संबंध और थोड़ी गंभीरता से किया जाता है तो वहीं नौटंकी के प्रेम और वीर-रस पर आधारित होते हैं।
- पंजाब से शुरू होकर नौटंकी की शैली तेज़ी से लोकप्रीय होकर पूरे उत्तर भारत में फैल गई।
- समाज के उच्च-दर्जे के लोग इसे 'सस्ता' और 'अश्लील' समझते थे लेकिन यह लोक-कला है जो आज भी जारी है।
क्या होता है नौटंकी में
- नौटंकी स्वांग शैली का ही एक विकसित रूप है'।
- नौटंकी की कहानियां अमूमन किसी व्यक्ति पर या विषय पर होती हैं, जैसे कि आल्हा-ऊदल की नौटंकी। 'सुल्ताना डाकू' की नौटंकी।
- भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उस विषय पर बहुत सी नौटंकियां हुईं थी जिन्होंने जन-साधारण को इस संग्राम में शामिल होने की प्रेरणा दी।
- आजकल दहेज़-कुप्रथा, आतंकवाद और साम्प्रदायिक लड़ाई-झगड़ों के विरुद्ध नौटंकियां देखी जा सकती हैं।