सावन के आखिरी सोमवार शुभ मुहूर्त में करें जलाभिषेक, भगवान शिव करेंगे सभी मनोकामना पूरी
4 अगस्त 2025 को चौथे और अंतिम सावन सोमवार पर भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करेंगे। इस दिन कई शुभ योगब्रह्म मुहूर्त, अभिजीत, विजय मुहूर्त, अमृत काल और रवि योग बन रहे हैं। उचित पूजन विधि से विशेष फल की प्राप्ति संभव है।
Publish Date: Thu, 31 Jul 2025 11:01:46 AM (IST)
Updated Date: Thu, 31 Jul 2025 11:01:46 AM (IST)
भगवान शिव को सावन का महीना बहुत प्रिय है। (फाइल फोटो)HighLights
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- हरे या सफेद वस्त्र पहनकर शिवलिंग का पूजन करें।
- पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक कर मंत्र जाप करें।
धर्म डेस्क, इंदौर। भगवान शिव को सावन का महीना बहुत प्रिय है। यह महीना शिव भक्तों के लिए प्रभु को प्रसन्न करने का अवसर होता है। शिव भक्त विधिवत पूजा कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। सावन का सोमवार का अपना विशेष महत्व होता है। इस दिन भक्त व्रत रख शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं, जिससे भोलेनाथ प्रसन्न होकर उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
हिंदू पंचाग की मानें तो इस साल सावन मास में चार सोमवार थे, जिनमें से तीन निकल चुके हैं। आखिरी सावन का सोमवार 4 अगस्त 2025 को पड़ेगा। भक्त इस दिन प्रभु से आशीर्वाद लेने की पूरी कोशिश करेंगे।
इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि सावन के आखिरी सोमवार में कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं। भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
चौथे सावन सोमवार के शुभ संयोग और मुहूर्त
- 4 अगस्त 2025 को पड़ने वाले चौथा सावन सोमवार के दिन शिव भक्तों के लिए पूजा, व्रत और अनुष्ठान के लिए कई महत्वपूर्ण और शुभ संयोग बन रहे हैं, जिससे यह दिन और भी पवित्र हो गया है। सुबह 4:20 से 5:02 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा, जो ध्यान और मंत्र जाप के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
दोपहर में 12:00 से 12:54 तक अभिजीत मुहूर्त, जबकि 2:41 से 3:35 तक विजय मुहूर्त रहेगा, जो कार्य आरंभ और सफलता के लिए शुभ है। रात में 12:06 से 12:48 तक निशीथ काल और 1:47 से 3:32 तक अमृत काल रहेगा। पूरे दिन रवि योग और सुबह 5:44 से 9:12 तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा, जो इसे अत्यंत फलदायी बनाता है। जलाभिषेक और रुद्राभिषेक के लिए शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:21 बजे से 5:03 बजे तक
प्रदोष काल: शाम 7:10 बजे से 8:14 बजे तक
अमृत काल: 4 अगस्त को तड़के 1:47 बजे से 3:32 बजे तक
शिववास: सुबह 11:41 बजे तक
विशेष योग: शिववास योग, जो जलाभिषेक व रुद्राभिषेक के लिए अत्यंत फलदायक है
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सावन सोमवार 2025 पूजन विधि
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर दिन की शुरुआत करें।
- हरे या सफेद रंग के वस्त्र पहनें – ये शिव-पार्वती को प्रिय हैं।
- शांत मन से भगवान शिव के सामने व्रत का संकल्प लें।
- पंचामृत और जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- अभिषेक के दौरान 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
- शिवलिंग पर पुष्प, बेलपत्र, धतूरा, भांग, फल व मिठाई चढ़ाएं।
- भगवान शिव से अपने पापों की क्षमा और मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।
- पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें और संयमित रहें।
- मन में किसी के प्रति द्वेष न रखें और शिव नाम का जाप करते रहें।