धर्म डेस्क, इंदौर। Gandmool Nakshatra 2024: ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों का जिक्र है। अश्विनी, आश्लेषा, मघा, जेष्ठा, मूल और रेवती नक्षत्रों के मेल से गण्डमूल नक्षत्र का निर्माण होता है। इन नक्षत्रों में जन्मा बच्चे पर शुभ और अशुभ दोनों तरह से असर पड़ता है। अगर अश्लेषा नक्षत्र और कर्क राशि का समापन एक साथ है। वहीं, मघा का उदय और सिंह राशि का आरंभ एक साथ हो तो इसे मघा मूल संज्ञक और अश्लेषा गण्ड संज्ञक नक्षत्र कहते है।
अगर ज्येष्ठ नक्षत्र और वृश्चिक राशि का अंत एक साथ हो व मूल नक्षत्र और धनु राशि का आरंभ हो तो इससे मूल नक्षत्र और ज्येष्ठा गंड कहा जाता है। आइए आगे जानते हैं साल 2024 में गण्डमूल नक्षत्र की तिथियां कब है।
8 जनवरी रात 10.03 बजे से 10 जनवरी रात 7.40 बजे तक।
17 जनवरी सुबह 4.38 बजे से 19 जनवरी रात 2.58 बजे तक।
26 जनवरी सुबह 10.28 बजे से 28 जनवरी दोपहर 3.53 बजे तक।
5 फरवरी सुबह 7.54 बजे से 7 फरवरी सुबह 6.27 बजे तक।
13 फरवरी दोपहर 12.35 बजे से 15 फरवरी सुबह 9.26 बजे तक
22 फरवरी दोपहर 4.43 बजे से 24 फरवरी रात 10.20 बजे तक
3 मार्च दोपहर 3.55 बजे से 5 मार्च दोपहर 4 बजे तक।
11 मार्च रात 11.02 बजे से 13 मार्च शाम 6.24 बजे तक।
20 मार्च रात 10.38 बजे से 23 मार्च सुबह 4.28 बजे तक।
30 मार्च रात 10.03 बजे से 1 अप्रैल रात 11.12 बजे तक।
8 अप्रैल सुबह 10.12 बजे से 10 अप्रैल सुबह 5.06 बजे तक।
17 अप्रैल सुबह 5.16 बजे से 19 अप्रैल सुबह 10.57 बजे तक।
27 अप्रैल रात 3.40 बजे से 29 अप्रैल सुबह 4.49 बजे तक।
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