
Grah Dosh: वैदिक शास्त्र के अनुसार चंद्रमा और बुध का मनुष्यों के एकाग्रता से सीधा संबंध है। चंद्र मन को प्रभावित करता है और बुध ग्रह मस्तिष्क को। बच्चों के पढ़ाई में कमजोर होने के पीछे इन ग्रहों को जिम्मेदार माना जाता है। इनका दोष शैक्षणिक स्तर के साथ करियर में असफलता का कारण बनता है।
बुध ग्रह जब जन्म कुंडली के छठे, आठवें या बारहवें भाव में विराजमान हों। इन पर बृहस्पति की दृष्टि पड़े तो शिक्षा में काफी परेशानियां आती हैं। अगर शिक्षा के ग्रह की कुंडली में पीड़ित है, तो पढ़ाई में बच्चों का पिछड़ना तय है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चांद का शिक्षा के साथ खास संबंध है। मान्यता है कि अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा पीड़ित है। तब उसे शिक्षा के क्षेत्र में संघर्ष करना पड़चा है। हालांकि जन्म कुंडली में चंद्रमा पर देव गुरु की नजर हो तो परिणाम बुरे नहीं होते हैं। यह भी पढ़ें- धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद खास है 17 सितंबर का दिन, एक साथ मनाएं जाएंगे ये तीन पर्व
- रोज सुबह तुलसी के पत्तों का सेवन करें। इसके बाद ऊँ ऐं सरस्वतयै नमः का जाप करें।
- हर बुधवार को भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाएं।
- एकाग्रता को बेहतर बनाने के लिए पन्न रत्न धारण करें।
- सूर्य देव को जल अर्पित करें। हरी सब्जियों और सलाद का सेवन करें।
- रोज सुबह गायत्री मंत्र का जाप करें।
- हरे कपड़े पहनें। सुबह स्नान के बाद पीला चंदन माथे, कंठ और सीने पर लगाएं।
- पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें।
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