नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर, Jupiter Transit: ज्योतिष विज्ञान में देव गुरु बृहस्पति को बहुत ही शुभ और प्रभावशाली ग्रह माना गया है। ये सुख-समृद्धि, ज्ञान, विद्या, विवाह, संतान और आध्यात्म का कारक ग्रह माना जाता है।
गुरु एक वर्ष तक किसी एक राशि में रहते हैं, फिर इसके बाद दूसरी राशि में गोचर करते हैं। गुरु के गोचर या फिर चाल में बदलाव का प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों पर पड़ता है।
देवगुरु बृहस्पति का उदय मिथुन राशि में बुधवार को 9 जुलाई को सुबह चार बजकर 43 मिनट पर हो गया। गुरु को अस्त होने के कारण भाड़ली नवमी के अबुझ मुहूर्त विवाह समारोह नही हो पाए थे।
अभी गुरु अतिचारी अवस्था में हैं, 2032 तक इसी अवस्था में रहेंगे। ऐसा कहा जाता है कि गुरु की अतिचारी अवस्था में समय बहुत अच्छा नहीं माना जाता है, क्योंकि गुरु तेजी से चाल बदलते हैं। गुरु के इस प्रभाव से कोई संतुष्ट नहीं हो पाता।
9 जुलाई को गुरु मिथुन राशि में रहकर उदय हुए हैं, जिससे कई राशियों के लिए गुरु भाग्य का साथ लाएंगे। बता दें कि गुरु अभी मार्गी हैं, लेकिन नवंबर में गुरु वक्री हो जाएंगे। ऐसे में भी कई राशियों पर असर होगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ दीपक गोस्वामी ने बताया कि गुरु के उदय होने पर कुछ राशि वालों पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
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