Guru Purnima 2025: 10 या 11 जुलाई कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा? शुभ मुहूर्त में करें पूजा
महर्षि वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को हुआ था। उन्होंने महाभारत और 18 पुराणों की रचना की। वे पहले गुरु माने जाते हैं, इसलिए इस दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन गुरु पूजन, दान और पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है।
Publish Date: Mon, 07 Jul 2025 01:33:37 PM (IST)
Updated Date: Mon, 07 Jul 2025 01:33:37 PM (IST)
महर्षि वेद व्यास सनानत परंपरा के सबसे विद्वान ऋषियों में से एक थे। (फाइल फोटो)HighLights
- वेदव्यास जी का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को हुआ।
- महाभारत और श्रीमद्भागवत की रचना की।
- वे पहले गुरु थे, इसी दिन गुरु पूर्णिमा मनती।
धर्म डेस्क, इंदौर। महर्षि वेद व्यास सनानत परंपरा के सबसे विद्वान ऋषियों में से एक थे। उन्होंने महाभारत, श्रीमद्भागवत कथा सहित अट्ठारह पुराणों की रचना की थी। उनका जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को हुआ था। वह संसार के पहले गुरु थे, इसलिए उनके जन्मदिवस पर गुरु पूर्णिमा मनाई जाती हैं।
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं की पूजा करना बहुत ही लाभकारी होता है। उनको दान देने से पुण्य मिलता है। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने का भी महत्व है।
गुरु पूर्णिमा तिथि 2025 (Guru Purnima Date)
इस साल गुरु पूर्णिमा दो दिन पड़ रही है, इसलिए थोड़ा असमंजस है। शुभ मुहूर्त 10 जुलाई को है, इसलिए देश भर में इसी दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी।
गुरु पूर्णिमा 2025 पूजा शुभ मुहूर्त (Guru Purnima 2025 Shubh Muhurat)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 8 जुलाई को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:10 से 4:50 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:59 से 12:54 बजे तक, विजय मुहूर्त दोपहर 12:45 से 3:40 तक और गोधूलि मुहूर्त शाम 7:21 से 7:41 बजे तक रहेगा।
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गुरु पूर्णिमा पूजा विधि (Guru Purnima 2025 Puja Vidhi)
- गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अपने गुरु का आशीर्वाद जरूर लें। इस दौरान भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भी अराधना करें। संसार के पहले गुरु होने के नाते महर्षि वेद व्यास की पूजा जरूर करें। भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और महर्षि वेद व्यास की शुभ मुहूर्त में पूजा कर फल, फूल और अक्षत अर्पित करें।
- गुरु को दान-पुण्य कर पूजन करें। उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें, जिससे पुण्य लाभ मिल सके। इस दौरान जरूरतमंदों को दान करना न भूलें।