
धर्म डेस्क। नवाबों के शहर लखनऊ में गोमती नदी के तट पर स्थित हनुमंत धाम आज आस्था और भव्यता का अद्भुत संगम बन चुका है। वैसे तो लखनऊ बड़े मंगल और हनुमान भक्ति के लिए देशभर में प्रसिद्ध है।
लेकिन हनुमंत धाम अपनी अनोखी बनावट और दिव्यता के कारण सबसे अलग पहचान रखता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसकी पूरी संरचना में हनुमान जी की लाखों छोटी-छोटी प्रतिमाएं उकेरी गई हैं।
मंदिर की दीवारों, स्तंभों और मेहराबों को ध्यान से देखने पर श्रद्धालु चकित रह जाते हैं। हर तरफ बजरंगबली के सूक्ष्म स्वरूप नजर आते हैं। ऐसा प्रतीत होता है मानो पूरा मंदिर ही हनुमान जी की भक्ति में ढला हुआ हो। जहां भी दृष्टि जाती है, वहां रामभक्त हनुमान के दर्शन होते हैं, जो इस धाम को बेहद विशेष बनाते हैं।
माना जाता है कि यह स्थान करीब 400 साल पुराना है, जहां पहले साधु-संत तपस्या किया करते थे। समय के साथ इसका स्वरूप भव्य होता गया और आज यह मंदिर प्राचीन परंपरा व आधुनिक वास्तुकला का शानदार उदाहरण है।
लाल पत्थरों से बने इस धाम की मजबूती और कारीगरी इसे राजस्थानी किलों जैसी भव्यता प्रदान करती है। रात में रोशनी से जगमगाता मंदिर जब गोमती नदी में प्रतिबिंबित होता है, तो दृश्य मन मोह लेने वाला होता है।
हनुमंत धाम में आने वाले भक्तों का कहना है कि यहां पहुंचते ही मन को अजीब सा सुकून मिलता है। शाम की आरती के समय शंख और घंटियों की गूंज पूरे वातावरण को आध्यात्मिक बना देती है। शहर की भागदौड़ और शोरगुल से दूर यह मंदिर लोगों के लिए शांति का ठिकाना बन चुका है।
आज हनुमंत धाम केवल धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण भी बन गया है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक इसकी भव्यता और आध्यात्मिक माहौल से प्रभावित होते हैं।
अगर आप कभी लखनऊ जाएं, तो हनुमंत धाम की यात्रा केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि संस्कृति, इतिहास और आस्था का एक यादगार अनुभव साबित होगी।