Holika Dahan Ke Upay: रंगों के त्याहोर होली का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। होलिका दहन से जुड़ी सैकड़ों परंपराएं देशभर में मिल जाएंगे। इन परंपराओं और मान्यताओं को उद्देश्य इन्सान के जीवन से बाधाओं को दूर करना और सुख-समृद्धि पाना है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि होली पर कई तरह के उपाय (Holi Ke Upay) किए जाते हैं। खास मंत्रों के साथ किए जाने वाले इन उपायों से अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं। यहां हम ऐसा ही Holi Ke Upay के बारे में बता रहे हैं। बहुत ही आसान मंत्रों के साथ हर कोई इन उपायों को आजमा सकता है।
Holi 2022: होली पर बनते हैं धन लाभ के योग, ऐसे उठाएं लाभ
होली की रात एकांत स्थान पर कुश आसन पर बैठ कर सामने एक लकड़ी के खम्भे पर काला कपड़ा बिछाकर ताँबे की चादर पर बना तंत्र रक्षा ताबीज रखें और हल्दी की माला से निम्न मंत्रों का जाप करके सिद्ध करें। .
ऊं ह्री ह्रीं क्लिंम
मंत्र जाप के बाद ताबीज को काले धागे में बांधकर गले में धारण कर लें। यदि कोई व्यक्ति उपरोक्त विघ्नों से पीड़ित है तो इस तंत्र रक्षा ताबीज के प्रयोग से उसे इससे मुक्ति मिल जाती है।
धन वृद्धि के उपाय
यदि आप धन चाहते हैं तो इसके लिए किए जाने वाले टोटकों के लिए भी होली का दिन उपयुक्त है। होली की रात आप अपने घर में एकांत स्थान पर बैठ जाएं और कमल की माला से निम्न मंत्र का जाप करें। इस उपाय से आपके धन में वृद्धि होगी।
मंत्र - ऊं नमो धनदाय स्वाहा
व्यापार में सफलता
चौराहे पर होली के पास जाकर होली के सात फेरे उलटे करें और हर चक्र पूरा होने के बाद आक का एक टुकड़ा होली में फेंक दें। इस तरह कुल मिलाकर आक की जड़ के सात टुकड़े होली में फेंक दें। यह प्रयोग तब करना चाहिए जब होली के दौरान आग न जलाई जाए।
आक के टुकड़े को इस तरह फेंके कि वह होली में पड़े न कि होली के बाहर। ऐसा करने से शाही पक्ष से आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। यदि किसी अधिकारी विशेष को कोई परेशानी हो तो गोरोचन अनार की कलम से आक के टुकड़ों पर अपना नाम लिखकर होली में डाल दें।
दुर्घटना की रोकथाम
हादसों से बचने के लिए होली की रात होलिका दहन से पहले पांच काले गुज्जे हाथ में लेकर होली के पांच फेरे करें, अंत में पांच बार होलिका की ओर मुड़कर हाथों को सिर के ऊपर उठाकर होली में फेंक देना चाहिए। . . स्वास्थ्य लाभ के लिए होलिका दहन के समय होली के ग्यारह फेरे करते समय निम्न मन्त्र का जाप करना चाहिए:-
देहि सौभाग्यमारोग्यं, देहि मे परमं सुखं।
रुपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जहि।।
होली के बाद भी इस मंत्र का ग्यारह बार जाप करना चाहिए।