नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। Jagannath Rath Yatra 2025: हर समय शंख-घंटों की गूंज से भक्तिमय वातावरण में लिपटा निपानिया स्थित इंदौर इस्कॉन मंदिर इन दिनों एक अद्भुत शांति में डूबा है। न घंटा बज रहा है, न शंखनाद हो रहा है, न ही कोई ऊंची आवाज में बात कर रहा है। इस विराम का कारण हैं भगवान जगन्नाथ, जो बीमार हो गए हैं। मान्यता के अनुसार, स्नान यात्रा के बाद शीतल जल के प्रभाव से भगवान को बुखार हो गया है। भगवान के आराम में कोई विघ्न न आए, इसलिए मंदिर को 28 जून तक भक्तों के लिए बंद कर दिया गया है।
पुरी के जगन्नाथ मंदिर की परंपराओं के अनुसार, इंदौर के इस्कॉन मंदिर में भी भगवान का उपचार किया जा रहा है। बुधवार को उन्हें हल्दी का लेप लगाया गया, जिससे उन्हें राहत मिल सके। उनके लिए विशेष भोजन भी बनाया जा रहा है, जिसमें उबली हुई सब्जियां और खिचड़ी शामिल है। इसके अलावा, मेवे-मिष्ठान जैसी चीजें फिलहाल वर्जित हैं।
इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष महामनदास प्रभु ने बताया कि 11 जून को भगवान का प्राकट्योत्सव पंचामृत अभिषेक के साथ धूमधाम से मनाया गया। उसी दिन स्नान यात्रा के चलते भगवान को शीत लग गई, जिससे वे अस्वस्थ हो गए। 28 जून तक उन्हें विश्राम दिया जा रहा है। इस दौरान भगवान किसी से मुलाकात नहीं करेंगे और न ही मंदिर में कोई शोरगुल होगा।
29 जून को भगवान जगन्नाथ स्वस्थ होकर अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ भव्य रथयात्रा पर नगर भ्रमण करेंगे। यात्रा दोपहर एक बजे अन्नपूर्णा मंदिर से प्रारंभ होगी और रणजीत हनुमान मंदिर, महूनाका, छत्रीपुरा, बियाबानी, मालगंज चौराहा, टोरी कॉर्नर, गोराकुंड, खजूरी बाजार, राजवाड़ा होते हुए गोपाल मंदिर पर समाप्त होगी।
अच्युत गोपाल प्रभु के अनुसार, पुरी में 27 जून को रथयात्रा निकलेगी, जबकि इंदौर में 29 जून को। इसके अलावा उज्जैन, भोपाल, जबलपुर समेत प्रदेश के 25 से ज्यादा शहरों में 27 जून से 5 जुलाई के बीच रथयात्रा निकाली जाएगी। यात्रा के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा जिसमें देश-विदेश से आए इस्कॉन भक्त अपनी प्रस्तुतियां देंगे।