डिजिटल डेस्क। भगवान श्रीकृष्ण को माखन और मिश्री बेहद प्रिय हैं। जन्माष्टमी, रक्षाबंधन या किसी भी शुभ अवसर पर भक्त माखन-मिश्री का भोग लगाकर कान्हा को प्रसन्न करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि यह भोग सिर्फ पूजा का हिस्सा ही नहीं, बल्कि जीवन में सौभाग्य, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का भी स्रोत है।
आइए जानते हैं माखन-मिश्री का भोग लगाने के 5 बड़े फायदे।
हिंदू धर्म में मान्यता है कि कान्हा बचपन से ही माखन और मिश्री के बेहद शौकीन थे। उनकी लीलाओं में 'माखन चोरी' का विशेष महत्व है। माखन-मिश्री अर्पित करना, भगवान को उनके प्रिय भोग से प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है।
माखन-मिश्री का भोग लगाना केवल एक रस्म नहीं, बल्कि यह भक्ति का प्रतीक है। इसे अर्पित करने से भक्त और भगवान के बीच का आध्यात्मिक संबंध गहरा होता है। कहा जाता है कि इससे मन को शांति और सुकून मिलता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माखन-मिश्री का भोग लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और आर्थिक उन्नति के रास्ते खुलते हैं। यह भोग घर में सौभाग्य और खुशहाली का संदेश लेकर आता है।
माखन और मिश्री दोनों के ही कई स्वास्थ्य लाभ हैं। माखन पाचन को दुरुस्त रखता है, शरीर को ऊर्जा देता है और त्वचा को चमकदार बनाता है। वहीं मिश्री गले की खराश दूर करती है, थकान मिटाती है और शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है।
जन्माष्टमी, रक्षाबंधन या किसी भी धार्मिक पर्व पर माखन-मिश्री का भोग लगाने से त्योहार का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है और आज भी उतनी ही लोकप्रिय है।