Jyotish: राजनीति में सफलता पाने के लिए इन ग्रहों का प्रबल होना जरूरी
बुध अगर प्रबल होकर दशम से संबंध रखे तो व्यक्ति अच्छा वक्ता होता है। बुध गुरु दोनों प्रबल हैं, तो वाणी में ओज व विद्वता आती है। ऐसे लोगों की भाषण कला बेहद लोकप्रिय होती है। और उसी के बल पर वो लोगों के ह्रदय पर सालोंसाल राज करते हैं।
Publish Date: Wed, 25 Jun 2025 05:11:57 PM (IST)
Updated Date: Wed, 25 Jun 2025 07:50:23 PM (IST)
राजनीति के लिए ग्रह स्थिति।धर्म डेस्क। राजनीति में सफलता सबको नसीब नहीं होती है। राजनीति में कम परिश्रम में भरपूर पैसा व प्रसिद्धि दोनों ही हैं। सुख-सुविधाएं अलग से है और इसमें किसी विशेष शैक्षणिक योग्यता की भी जरूरत भी नहीं। राहु को राजनीति का ग्रह माना जाता है। इसका दशम भाव से संबंध हो या यह स्वयं दशम में हो तो व्यक्ति राजनीति तो करता है, किन्तु धूर्त किस्म की करता है। अनेक तिकड़मों और विवादों में फँसकर भी अपना वर्चस्व कायम रखता है। राहु यदि उच्च का होकर लग्न से संबंध बनाए तो व्यक्ति चालाक भी होता है। आचार्य मण्डन मिश्र: से समझते हैं।
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- दूसरी बात कि गुरु यदि उच्च का होकर दशम से संबंध करें, तो व्यक्ति बुद्धि के बल पर अपना स्थान बनाता है। ऐसे व्यक्ति जनता के मन में अपना स्थान बनाते हैं। चालाकी नहीं करते बल्कि तर्कशील, सत्य प्रधान राजनीति करते हैं।
तीसरी बात कि बुध अगर प्रबल होकर दशम से संबंध रखे तो व्यक्ति अच्छा वक्ता होता है। बुध गुरु दोनों प्रबल हैं, तो वाणी में ओज व विद्वत्ता आती है। ऐसे लोगों की भाषण कला बेहद लोकप्रिय होती है। और उसी के बल पर वो लोगों के ह्रदय पर सालो साल राज करते हैं।
राजनीति में सितारा बनकर चमकने के लिए सूर्य का प्रबल होना भी जरूरी है। सूर्य अगर 1, 4, 9, 10 में हो तो व्यक्ति उच्च पद को आसीन को प्राप्त करता है, और लोगों के मन पर राज करता है। इसका भी ध्यान रखें
- यदि कुंडली में शनि वृषभ या तुला लग्न में हो तो शनि का मजबूत होना बेहद जरूरी है, क्योंकि शनि स्थायित्व और स्थिरता देता है।
- ऐसे लोगों को धर्म व न्याय का साथ देना चाहिए, और सत्य की राजनीति करना चाहिए अन्यथा शनि का कोप उन्हें आसमान से धरातल पर ला फेंक सकता है।
- इस तरह कुंडली का निरीक्षण कर उससे ग्रहों को मजबूत किया जाए तो व्यक्ति राजनीति में परचम लहरा सकता है।
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