धर्म डेस्क, इंदौर। लोग हाथों में कई तरह की अंगूठियां पहनते हैं। इनमें से कुछ लोग शौक के तौर पर पहनते हैं, को कुछ ज्योतिषीय उपायों के कारण इनको धारण करते हैं। इनमें रत्नों से जड़ी अंगूठियां, सांप या कछुए की आकृति की अंगूठी अहम है। इनको लोग ग्रह दोष, वास्तु दोष और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने लिए पहनते हैं।
इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि इनका ज्योतिषीय महत्व क्या है?
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, सांप के आकार की अंगूठी कालसर्प दोष और पितृ दोष से राहत देने में कारगर मानी जाती है। इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह अंगूठी चांदी, तांबा या अष्टधातु से बनी होनी चाहिए और इसे किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श के बाद ही पहनना चाहिए।
वास्तु और ज्योतिष दोनों के अनुसार कछुए की आकृति वाली अंगूठी शुभ मानी जाती है। यह आर्थिक समृद्धि, व्यापारिक सफलता और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने में मदद करती है। इसे दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में पहना जाता है, और कछुए का मुख हथेली की ओर होना चाहिए।
शनि ग्रह के दोषों से निपटने के लिए घोड़े की नाल से बनी अंगूठी को शुभ माना जाता है। यह अंगूठी शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या अन्य कष्टकारी प्रभावों से राहत देने में सहायक होती है। इसे पहनने से आत्मबल बढ़ता है और जीवन में स्थिरता आती है।
अष्टधातु से बनी अंगूठी नवग्रहों को संतुलित करती है और मानसिक शांति प्रदान करती है। इसे पहनने से कार्यों में सफलता, सोच में सकारात्मकता और जीवन में स्थिरता का अनुभव होता है। यह अंगूठी नकारात्मक विचारों से दूर रहने में मदद करती है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। नईदुनिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। नईदुनिया अंधविश्वास के खिलाफ है।