Ketu Upay: कुंडली में केतु के दुष्प्रभाव से परेशान है तो जरूर करें ये उपाय
Ketu Upay केतु एक ऐसा ग्रह, जिससे हर व्यक्ति को भय लगता है। हालांकि कुंडली में केतु की अनुकूल स्थिति कई बार फायदा भी पहुंचाती है। केतु मिथुन और वृषभ राशि में नीच का और धनु और वृश्चिक राशि में उच्च का होता है।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Fri, 30 Sep 2022 08:52:53 AM (IST)
Updated Date: Fri, 30 Sep 2022 08:56:33 AM (IST)

Ketu Upay। भारतीय ज्योतिष में राहु और केतु और छाया ग्रह माना गया है और इसके प्रभाव से जातक के जीवन में कई परेशानियां आ सकती है। यदि आपकी लग्न कुंडली में भी केतु बलवान स्थिति में है और जीवन में कुछ दिक्कतें आ रही हैं तो केतु को शांत करने के लिए ये उपाय आजमा सकते हैं -
मूल, माघ या अश्विनी नक्षत्र का स्वामी है केतु
केतु एक ऐसा ग्रह, जिससे हर व्यक्ति को भय लगता है। हालांकि कुंडली में केतु की अनुकूल स्थिति कई बार फायदा भी पहुंचाती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, केतु स्थिरता, शोहरत, नाम और सकारात्मकता का प्रतीक है। ज्योतिष में यह मान्यता है कि केतु मूल, माघ और अश्विनी नक्षत्र का स्वामी होता है। केतु दूसरे ग्रहों से अलग है क्योंकि दूसरे ग्रह किसी न किसी राशि के स्वामी होते हैं, लेकिन केतु किसी भी राशि का स्वामी नहीं है। केतु मिथुन और वृषभ राशि में नीच का और धनु और वृश्चिक राशि में उच्च का होता है।
केतु के नकारात्मक प्रभाव
- केतु जन्म कुंडली में बलवान हो तो आप नकारात्मकता से भर सकते हैं। साथ ही दूसरों के बहकावे में जल्दी आ जाएंगे।
- ऐसे लोगों को अपनी दुर्बलता या कमजोरी किसी को नहीं बतानी चाहिए अन्यथा बाद में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- केतु के दुष्प्रभाव से पैरों, रीढ़ की हड्डी, कानों और जातक के गुप्तांग में बीमारियां भी हो सकती हैं। इन संकेतों को समझ कर केतु का उपाय जरूर करना चाहिए।
- जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा और केतु की युति होती है, उनके ऊपर अपनी माता जी का काफी दबाव रहता है।
केतु दोष दूर करने के लिए करें ये उपाय
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- केतु का प्रभाव कम करना है तो कभी भी नंगे पांव नहीं रहना चाहिए।
- प्रतिदिन कुत्तों को भोजन कराएं
- दामाद और जीजा से अच्छे रिश्ते बना कर रखें।
- घर में कुत्ता पालने से भी केतु का प्रभाव कम होता है।
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