
धर्म डेस्क। हिंदू धर्म में हर कार्य शुभ मुहूर्त देखकर करने की परंपरा है। मान्यता है कि शुभ समय में किया गया काम सफलता और सकारात्मक फल देता है। लेकिन साल में कुछ ऐसे समय भी आते हैं, जिन्हें ज्योतिष में अशुभ माना गया है।
इन्हीं में से एक है खरमास। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण जैसे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। ऐसे में लोगों के मन में अक्सर सवाल उठता है क्या खरमास में नए कपड़े खरीदना भी अशुभ होता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, खरमास के दौरान सूर्य धनु राशि में स्थित होते हैं। इस समय सूर्य की ऊर्जा को अपेक्षाकृत मंद माना जाता है, इसलिए किसी भी नए या बड़े शुभ कार्य की शुरुआत नहीं की जाती। इसी कारण लोग शादी-ब्याह और बड़े संस्कार इस अवधि में टालते हैं।
इस सवाल को लेकर भ्रम में रहने की जरूरत नहीं है। ज्योतिष के अनुसार, खरमास में नए कपड़े खरीदना अशुभ नहीं माना जाता।
दरअसल, कपड़े खरीदना कोई मांगलिक संस्कार नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जरूरत है। इसका ग्रह-नक्षत्रों से कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं जुड़ा होता। इसलिए आप खरमास के दौरान भी बिना किसी चिंता के नए कपड़े खरीद सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि नए कपड़े न सिर्फ जरूरत पूरी करते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी सकारात्मक ऊर्जा देते हैं। खासकर अगर कपड़े पूजा, धार्मिक यात्रा या किसी पवित्र कार्य के लिए खरीदे जा रहे हैं, तो इसे शुभ ही माना जाता है।
हालांकि कपड़े और रोजमर्रा की वस्तुओं की खरीदारी खरमास में ठीक मानी जाती है, लेकिन सोना-चांदी, गहने, वाहन, प्रॉपर्टी या बड़े निवेश इस दौरान करने से बचना चाहिए। ज्योतिष में ऐसे बड़े फैसलों के लिए मकर संक्रांति के बाद का समय अधिक शुभ बताया गया है।
इस वर्ष खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर 2025 से मानी गई है। यह अवधि 14 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति के दिन समाप्त होगी, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही खरमास खत्म हो जाएगा और सभी शुभ कार्य दोबारा शुरू किए जा सकेंगे।
अगर आप भी खरमास में शॉपिंग को लेकर असमंजस में हैं, तो जान लें कि नए कपड़े खरीदने पर कोई रोक नहीं है। बस बड़े निवेश और मांगलिक कार्यों को इस अवधि में टालना ही समझदारी है।