Kundali Dosh:कुंडली प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व रखती है। कुंडली से व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान को प्रदर्शित करती है। जन्म की तारीख, जन्मस्थान और जन्म के समय के आधार पर ग्रह नक्षत्रों की गणना होती है, जिससे कुंडली में मौजूद गुण-दोषों के बारे में पता चलता है। कुंडली से व्यक्ति के अच्छे-बुरे समय के बारे में भी पता चलता है। आज हम आपको कुंडली में मौजूद कुछ ऐसे दोषों के बारे में बताने जा रहे हैं जो सबसे खतरनाक माने जाते हैं। आइये जानते हैं इन दोषों के बनने की स्थिति और उपाय।
पहली स्थिति- कुंडली में कालसर्प दोष राहु और केतु के एक साथ आने से होता है।
दूसरी स्थिति -यदि सभी सात प्रमुख ग्रह राहु और केतु ग्रह की धुरी के भीतर होते हैं तो भी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष उत्पन्न होता है।
उपाय
1.काल सर्प दोष निवारण पूजा करवाएं।
2.नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करें।
3.मंगलवार के दिन नागदेवता को दूध पिलाएं।
4.मां दुर्गा और भगवान गणेश की पूजा करें।
5.मंगलवार के दिन राहु और केतु के लिए अग्नि अनुष्ठान करें।
6. दुर्गा चालीसा का पाठ भी फलदायी होता है।
7.कालसर्प दोष की मुख्य पूजा नासिक में कराई जाती है।
स्थिति- जब कुंडली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है, तब मांगलिक दोष लगता है।
उपाय
1.प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
2.मंगल ग्रह के लिए अग्नि अनुष्ठान करें।
3.विधि-विधान के साथ मांगलिक दोष निवारण पूजा करवाएं।
4.मंगलवार के दिन मंदिर में मां दुर्गा की पूजा करें और दीपक जलाएं।
5.108 बार “ॐ भोमाय नमः” का जाप करें।
6.उज्जैन के मंगलनाथ धाम पर मंगल दोष की विशेष पूजा कराई जाती है।
स्थिति - जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु के साथ सूर्य का संयोजन हो या केतु के साथ सूर्य ग्रह का संयोजन हो तो ऐसी स्थिति में भी पितृ दोष बनता है।
उपाय
1.प्रतिदिन कौवों व पक्षियों को खाना खिलाएं।
2.काशी और गया अवश्य जाएं और वहां अपने दिवंगत पूर्वजों का तर्पण करें।
3.पूरे नियम और विधि विधान के साथ किसी विद्वान ज्योतिषी से पितृ दोष निवारण पूजा कराएं।
4.अमावस्या के दिन सफेद गाय को सुबह हरी घास चढ़ाएं और उनका आशीर्वाद लें।
स्थिति - कुंडली में राहु बृहस्पति एक साथ हों तो गुरु चांडाल दोष बन जाता है।
उपाय
1.गायत्री मंत्र का जाप करें।
2.प्रतिदिन सुबह और शाम के समय 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें।
3.भगवान विष्णु की उपासना करें और बृहस्पति ग्रह की प्रत्येक गुरुवार पूजा करें।
4.गुरुवार के दिन गायों को और जरूरतमंद लोगों को चना दाल और गुड़ का दान करें।
5.चांडाल दोष पूजा कराएं।
6. प्रतिदिन 108 बार ‘ॐ गुरुवे नमः’ मंत्र का जाप करें।
7.‘ॐ राहवे नमः’ मंत्र का 108 बार प्रतिदिन जाप करें।
स्थिति - जब भी किसी शुभ ग्रह की राशि केंद्र में होती है तो उसको केन्द्राधिपति दोष लग जाता है।
उपाय
1.शिवालय में प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करें।
2.प्रतिदिन 21 बार ॐ नमो नारायण का जाप करें।
3.रोजाना 11 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
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