रुक्मिणी के 10 पुत्र
प्रद्युम्न, चारुदेष्ण, सुदेष्ण, पराक्रमी चारुदेह, सुचारु, चारुगुप्त, भद्रचारु, चारुचन्द्र, विचारु और चारु।
सत्यभामा के 10 पुत्र
भानु, सुभानु, स्वर्भानु, प्रभानु, भानुमान, चन्द्रभानु, बृहद्भानु, अतिभानु, श्रीभानु और प्रतिभानु।
जांबवती के 10 पुत्र
साम्ब, सुमित्र, पुरुजित, शतजित, सहस्रजित, विजय, चित्रकेतु, वसुमान, द्रविड़ और क्रतु।
मित्रविन्दा के 10 पुत्र
वृक, हर्ष, अनिल, गृध्र, वर्धन, आनन्द, महाश, पावन, वहि और क्षुधि।
भद्रा के 10 पुत्र
संग्रामजित, बृहत् सेन, शूर, प्रहरण, अरिजीत, जय, सुभद्र, वाम, आयु और सत्यक।
नाग्नजिती सत्या के 10 पुत्र
वीर, चन्द्र, अश्वसेन, चित्रुग, वेगवान, वृष, आम, शंकु, वसु और परम तेजस्वी कुंती।
लक्ष्मणा के 10 पुत्र
प्रघोष, गात्रवान, सिंह, बल, प्रबल, ऊर्ध्वग, महाशक्ति, सह, ओज और पराजित
कालिंदी के 10 पुत्र
श्रुत, कवि, वृष, वीर, सुबाहु, भद्र, शान्ति, दर्श, पूर्णमास और सोमक।
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