श्रीराम जा रहे थे वनवास, क्यों नहीं लिया मां सुमित्रा का आशीर्वाद
त्रेतायुग में राजा दशरथ राज करते थे। उनकी तीन रानियां थीं।
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Publish Date: Fri, 10 Feb 2017 06:04:01 PM (IST)
Updated Date: Mon, 13 Feb 2017 10:22:37 AM (IST)
त्रेतायुग में राजा दशरथ राज करते थे। उनकी तीन रानियां थीं। जोकि क्रमशः कौशल्या जिनके पुत्र राम थे। सुमित्रा, जिनके पुत्र लक्ष्मण और शत्रुघ्न थे और कैकेयी जिनके पुत्र थे भरत।
सुमित्रा अपने दोनों पुत्रों को हमेशा विवेकपूर्ण कार्य करने के लिए प्रेरित किया और सांसारिक राग, द्वेष, ईर्ष्या से दूर रहने की सीख दी। जब श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के लिए जा रहे थे, तब श्रीराम ने माता कौशल्या से आज्ञा ली। लेकिन वह माता सुमित्रा के पास नहीं गए।
वहां केवल उन्होंने लक्ष्मण को भेजा था। इस बात का विस्तार से उल्लेख महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में मिलता है। श्रीराम जानते थे कि माता कौशल्या कैकेयी का विरोध नहीं करेंगी। लेकिन माता सुमित्रा न्याय का पक्ष लेकर कैकेयी का विरोध जरूर करतीं।
जब लक्ष्मण ने माता सुमित्रा से श्रीराम के साथ वन जाने की आज्ञा ली तब माता सुमित्रा ने लक्ष्मण से कहा था, 'लक्ष्मण! तुम श्री राम को दशरथ, सीता को मां तथा वन को अयोध्या जानकर सुखपूर्वक श्रीराम के साथ वन जाओ।'