मूलाधार चक्र के स्वामी है गणेश
श्री गणेश की कृपा उसी मात्रा में हमारे विघ्नों का नाश करती है।
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Publish Date: Mon, 05 Sep 2016 05:27:00 PM (IST)
Updated Date: Wed, 07 Sep 2016 09:15:34 AM (IST)
श्रीगणेश का हमारे शरीर में निवास है। हमारे शरीर के सप्तचक्रों में से मूलाधार की जगह श्रीगणेश हैं यानी मूल आधार वही हैं। भारतीय पतंजलि योगशास्त्रानुसार मानव शरीर और संपूर्ण ब्रह्मांड में सात चक्र हैं।
इनमें पहला मूलाधार चक्र सबसे नीचे होता है। जिसके स्वामी श्रीगणेश हैं और इस मूलाधार चक्र की चार पंखुड़ियों के बीच उनका निवास है।
यही मूलाधार चक्र मानव शरीर की समस्त क्रियाओं का संचालन करता है। यदि यहां अशुद्धि आई तो मानव शरीर को मन, बुद्धि के नाना दुखों का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि लोग श्रीगणेश का पूजन करते हैं।
मूलाधार चक्र की चारों पंखुड़ियों को शुद्ध रखने से ही श्रीगणेश प्रसन्न होते हैं और ये चार पंखुड़ियां हैं- आहार, विहार, आचार और विचार।
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जिस अनुपात में हर इन चार बातों की शुद्धता पर जोर देंगे श्री गणेश की कृपा उसी मात्रा में हमारे विघ्नों का नाश करती है।