Yam Deepak 2025: कब और कैसे जलाएं यम का दीया? जानें सही दिशा और नियम
Yam Deepak 2025: दीपावली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है। इसी दिन यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर यम दीपदान की परंपरा निभाई जाती है। आइए जानते हैं यम दीपक की तिथि, शुभ मुहूर्त, दिशा और नियम।
Publish Date: Fri, 03 Oct 2025 04:28:38 PM (IST)
Updated Date: Fri, 03 Oct 2025 04:29:43 PM (IST)
कब और कैसे जलाएं यम का दीया?HighLights
- यम दीपक 18 अक्टूबर को जलाएं।
- त्रयोदशी तिथि और शुभ मुहूर्त।
- यम दीपक इस दिशा में जलाएं।
धर्म डेस्क। दीपावली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है। इसी दिन यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर यम दीपदान की परंपरा निभाई जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मृत्यु के देवता यमराज के नाम से दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है, परिवार को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आइए जानते हैं यम दीपक (Yam Deepak 2025) की तिथि, शुभ मुहूर्त, दिशा और नियम।
त्रयोदशी तिथि और शुभ मुहूर्त (Trayodashi Tithi And Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार-
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ - 18 अक्टूबर 2025, दोपहर 12:18 बजे
- त्रयोदशी तिथि समाप्त - 19 अक्टूबर 2025, दोपहर 01:51 बजे
- इसी दिन धनतेरस और यम दीपदान का पर्व मनाया जाएगा।
यम दीपक कब जलाया जाएगा? (Yam Deepak 2025 Date)
इस साल यम दीपक 18 अक्टूबर 2025 को जलाया जाएगा। हालांकि, सही मुहूर्त जानने के लिए अपने स्थानीय पंचांग की सलाह अवश्य लें।
यम दीपक किस दिशा में जलाएं? (Yam Deepak Direction)
- यम का दीपक हमेशा दक्षिण दिशा की ओर जलाना चाहिए।
- मान्यता है कि दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है।
- इस दिशा में दीपक जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और सभी भय दूर हो जाते हैं।
यम दीपक जलाने के नियम (Yam Deepak Rules 2025)
1. यम का दीपक चौमुखी (चार बातियों वाला) होना चाहिए।
2. इसमें सरसों का तेल भरकर बत्तियां लगानी चाहिए।
3. दीपक को जलाकर घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर रख दें।
4. दीपक जलाते समय प्रार्थना करें कि परिवार के सभी सदस्य लंबी आयु और स्वस्थ जीवन प्राप्त करें।
5. कई लोग परंपरा अनुसार यम दीपक को नाली या घर के बाहर किसी कोने में रखते हैं।
यम दीपदान का महत्व (Significance of Yam Deepak)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार-
- यम दीपदान से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
- परिवार के सदस्य दीर्घायु और निरोगी बने रहते हैं।