
धर्म डेस्क। नए साल की शुरुआत देशभर में आस्था और भक्ति के माहौल के साथ होती है। 1 जनवरी को भगवान के दर्शन कर जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करने के लिए लाखों श्रद्धालु प्रमुख धार्मिक स्थलों का रुख करते हैं।
तिरुपति बालाजी, उज्जैन महाकाल, पुरी जगन्नाथ, अयोध्या राम मंदिर, वैष्णो देवी और मैसूर के चामुंडेश्वरी मंदिर में इस दौरान भारी भीड़ उमड़ती है। भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन विशेष इंतजाम करता है, लेकिन श्रद्धालुओं को भी पहले से तैयारी करना जरूरी होता है।
भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए नए साल पर लाखों भक्त पहुंचते हैं। यहां भीड़ प्रबंधन के लिए SSD टोकन और ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था है।
मध्यप्रदेश के उज्जैन में बाबा महाकाल का मंदिर है। यहां नए साल के पहले दिन भस्म आरती और दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ता है। लंबी कतारें लगती हैं।
अयोध्या में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद राम मंदिर बन पाया है। यहां रामलला के दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां सुरक्षा और कतार प्रबंधन बहुत ही कड़े रहते हैं।
नए साल पर भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए लाखों भक्त आते हैं। कतारों में घंटों इंतजार करना पड़ सकता है।
माता वैष्णो देवी मंदिर जम्मू-कश्मीर में स्थित है। माता का आशीर्वाद पाने के लिए यहां नए साल पर भक्तों की भीड़ रहती है। यात्रा पंजीकरण अनिवार्य है।
बड़े मंदिरों में ऑनलाइन बुकिंग या टोकन सिस्टम अपनाना सबसे बेहतर विकल्प है। तिरुपति में दर्शन स्लॉट पहले ही खुल जाते हैं। वैष्णो देवी यात्रा के लिए RFID कार्ड जरूरी होता है। सुबह जल्दी पहुंचने पर भीड़ अपेक्षाकृत कम मिलती है।
भारी भीड़ के चलते मंदिर परिसरों में पुलिस और सुरक्षा बल तैनात रहते हैं। श्रद्धालुओं को उनके निर्देशों का पालन करना चाहिए। जलपान, शौचालय और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था भी की जाती है।
नए साल पर ट्रैफिक जाम और लंबा इंतजार आम बात है। धैर्य रखें और गर्म कपड़े, आरामदायक जूते व पहचान पत्र साथ रखें। सही योजना और ऑनलाइन जानकारी के साथ आप नए साल की शुरुआत शांतिपूर्वक और श्रद्धा के साथ कर सकते हैं।